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शराब घोटाले मामले आज दिल्ली के दो शराब कंपनियों के प्रतिनिधि ईडी ऑफिस पहुंचे। जहां उनसे पूछताछ जारी है। शराब घोटाले मामले में ईडी ने नई ECIR दायर की है, जिसके आधार पर पहली गिरफ्तारी रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा की गई है। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले मामले को लेकर ईडी की कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में सोमवार को दिल्ली के दो शराब कंपनियों के प्रतिनिधि ईडी ऑफिस पहुंचे। जहां उनसे पूछताछ जारी है। शराब घोटाले मामले में ईडी ने नई इसीआईआर दायर की है, जिसके आधार पर शनिवार को पहली गिरफ्तारी रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा की गई है। जो फिलहाल जेल में बंद हैं और आज रायपुर के विशेष कोर्ट में पेश किया जायेगा। 

उल्लेखनीय है कि, रविवार को सुनवाई के दौरान रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा के वकील ने कोर्ट में उनका पक्ष रखते हुए ईडी की रिमांड पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से शराब घोटाले केस में ED की ECIR को रद्द करने की बात कही। जिस पर ED के वकील ने कहा कि, एंटी करप्शन ब्यूरो की FIR के आधार पर यह नई ECIR दर्ज की है। जिसमें नए सिरे से ED जांच कर रही है। उनके वकील ने कोर्ट में आवेदन पेश कर मांग की है कि, अनिल टुटेजा की तबीयत खराब रहती है। इसलिए उनसे जो भी पूछताछ करनी है वो दिन में की जाए और रात के समय कोई पूछताछ ना हो। उनके वकील ने आगे कहा कि, अनिल टुटेजा बीमार रहते है और उन्हें डाइट के तहत भोजन दिया जाता है। इसलिए उन्हें घर से भोजन देने की अनुमति दी जाये।

आज होगी जेएमएफसी कोर्ट में पेशी 

रविवार को कोर्ट बंद होने के कारण ईडी द्वारा अनिल टुटेजा को जेएमएफसी कोर्ट में पेश किया गया था। आज उन्हें पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां ईडी उनकी 14 दिन की रिमांड लेने की कोशिश करेगी। जबकि उनके वकील सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए ED की रिमांड पर आपत्ति जताएंगे। इस मामले में कोर्ट में आज लंबी बहस चलेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने टुटेजा समेत 6 आरोपियों को दी थी राहत 

शराब घोटाला केस में 8 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की ECIR को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके साथ ही अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को कोर्ट से राहत मिली थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 2 दिन बाद ही इस केस में ACB-EOW की FIR को अधार बनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने नई ECIR दर्ज की थी। ED ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी में कई आधार बताए हैं। करीब 16 पन्नों पर ED ने ग्राउंड ऑफ अरेस्ट का ब्योरा दिया है। ED का कहना है कि, शराब घोटाले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी। जो कंट्रोलर की भूमिका में थे। ED ने उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया है।

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