बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शराब परिवहन टेंडर विवादों के घेरे में है और यह मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। जहां छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इसी वर्ष फरवरी में देशी और विदेशी शराब को गोडाउन से राज्य के विभिन्न रिटेल दुकानों तक पहुंचाने के लिए टेंडर जारी किया था।
टेंडर के अनुसार राज्य को 12 जोन में बांटा गया था। साथ ही निविदा की शर्तों में ये बताया गया था। एक आवेदक अलग अलग जोन में भाग ले सकता है।लेकिन अधिकतम 2 जोन में ही चयन के लिए पात्र है। इसके साथ ही टेंडर के शर्तों के अनुसार अगर एक ही परिवार के दो लोग अलग- अलग रूप से टेंडर में भाग लेते है तो उन सभी को अपात्र घोषित कर दिया जाएगा।
एक ही परिवार के हैं दोनों प्रतिवादी
जहां याचिकाकर्ता, सिंह एंड कंपनी द्वारा प्रोपराइटर रणधीर कुमार सिंह, द्वारा तीन जोन, जोन 1(रायपुर), जोन 4(उत्तर बस्तर कांकेर, कोंडागांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, बालोद व नारायणपुर) और जोन 6 (धमतरी, बस्तर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, बीजापुर व सुकमा) में भाग लिया गया था। निजी प्रतिवादी श्री साई राम एंटरप्राइज द्वारा भी जोन 1, जोन 4 व जोन 6 में भाग लिया था। वहीं साई उद्योग द्वारा जोन 5 (बिलासपुर) में भाग लिया गया था। दरसअल, दोनो निजी प्रतिवादी एक ही परिवार के सदस्य है और इसी कारण मार्केटिंग कॉर्पोरेशन द्वारा साई उद्योग का आवेदन निरस्त कर दिया गया. लेकिन श्री साई राम एंटरप्राइज को विधि विरुद्ध जाकर दो जोन, जोन 1 व जोन 6 की निविदा अवॉर्ड कर दी गई।
टेंडर को निरस्त करने की गुजारिश
याचिकर्ता जो कि, दोनों जोन, जोन 1 और जोन 6 में दूसरे स्थान का पात्र आवेदक था। प्रतिवादी मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के इस अन्नायपूर्ण निर्णय के कारण टेंडर से वंचित रह गया। जिससे क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ता सिंह एंड कंपनी द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जस्टिस पीपी साहू के एकलपीठ के समक्ष अधिवक्ता मतीन सिद्धीकी द्वारा याचिका दायर की और निविदा आवंटन में हुई गड़बड़ी और गलत तरीके से अपात्र कंपनी को आवंटित की गई निविदा के आदेश को निरस्त करने की गुजारिश की है।
कोर्ट ने नोटिस जारी कर तलब किया जवाब
न्यायाधीश पीपी. साहू द्वारा मामले में सुनवाई करते हुए प्रतिवादिगण छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड, के प्रबंध संचालक और उप महा प्रबंधक, मेसर्स श्री साईं राम इंटरप्राइजेस और मेसर्स साई उद्योग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।