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आखिरकार लोहारीडीह के ग्रामीणों की बात सच साबित हुई है। युवक ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसे मारकर फंदे पर लटका दिया गया था। इस मर्डर के चार आरोपी पकड़े गए हैं।कवर्धा जिले के लोहारिडीह गांव में घटी जिस घटना ने छत्तीसगढ़ में सियासी सरगर्मी ला दी थी, पुलिस ने अब उसे सुलझा लिया है। यह साफ हो गया है कि, कचरू साहू की हत्या ग्रामीणों के आक्रोश का शिकार बने रघुनाथ साहू के परिजनों ने ही की है।

संजय यादव-कवर्धा। छत्तीसगढ़ की सियासत को गरमा देने वाले कवर्धा जिले के लोहारीडीह कांड को लेकर मध्यप्रदेश की पुलिस ने बुधवार को चौंकाने वाला खुलासा किया है। घटना के तकरीबन एक महीने बाद पुलिस ने शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की मौत के मामले को सुलझा लिया है। कचरू की हत्या के आरोप में चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 

दरअसल 15 सितंबर को मध्यप्रदेश के बीजाटोला गांव के खार में शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू की लाश फांसी के फंदे पर लटकती हुई मिली थी। शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू ने आत्महत्या नहीं की थी, उसकी हत्या कर आरोपियों ने अपना जुर्म छुपाने के लिए आत्महत्या का रूप देकर फांसी के फंदे में लटका कर फरार हो गए थे। बिरसा पुलिस ने हत्या के आरोप में ग्रामीणों द्वारा घर पर आग लिए दिए जाने से जान गंवाने वाले रघुनाथ साहू के बेटे दिनेश साहू सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया हैं। आरोपियों में रघुनाथ साहू का भांजा रोमन साहू, टेकचंद पटेल और राखीलाल साहू निवासी मध्यप्रदेश के बनाफरटोला बिरसा थाना जिला बालाघाट का रहने वाला है। ये सभी आरोपी मृतक रघुनाथ साहू परिवार के करीबी हैं।

कचरू की लाश मिलने से भड़का पूरा गांव

पूरा मामला मध्यप्रदेश के बिरसा थाना क्षेत्र के ग्राम बीजाटोला का है। 15 सितम्बर की सुबह शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की लाश फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली थी। उसके बाद लोहारीडीह के ग्रामीणों ने शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू की हत्या होने के शक में मृतक रघुनाथ साहू के घर को बंदी बनाया उसके बाद उनके परिजनों से मारपीट की और घर को आग के हवाले कर रघुनाथ साहू को जिंदा जला दिया था। वहीं रेंगाखार पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हूँ रघुनाथ साहू की हत्या के आरोप में गांव के 168 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज कर 33 महिलाओं समेत 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जहाँ हत्या के आरोप में बंदी विचाराधीन कैदी प्रशांत साहू की मौत जेल में हो जाती है। इस दौरान परिजनों ने पुलिस पिटाई के चलते प्रशांत साहू की मौत होने का आरोप लगाया था।

लोरिडीह कांड को लेकर जमकर हुई सियासत

आरोपी प्रशांत साहू की जेल में मौत होने के बाद प्रदेश भर में राजनीति भी शुरू हो गई थी। जहाँ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मृतकों के परिजनों में मिलने पहुँचे और प्रशांत साहू के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस लोहारीडीह अग्निकांड मामले पर शासन और प्रशासन की नाकामी के चलते कबीरधाम जिले में बड़ी घटना बताए थे। वहीं जिले की पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही थी। प्रदेश सरकार ने इस मामले पर आईपीएस विकास कुमार को निलबंन की कार्रवाई की थी और रेंगाखार थाना प्रभारी सहित 32 पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच कर दिया था।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा की कोशिशें रंग लाईं

वहीं लोहारीडीह अग्निकांड के मामले में मृतक के परिजनों से प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने मुलाकात की और मृतक प्रशांत साहू के परिजनों को डिप्टी सीएम अरुण साव ने 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद की। वहीं मृतक शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू की बेटी ने अपने पिता की आत्महत्या नहीं हत्या का आरोप लगाया था। इस दौरान दोनों डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कचरू साहू की बेटी को भरोसा दिया घटना कि, बारीकी से जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होंगे उसको बख्शा नहीं जाएगा। आखिर डिप्टी सीएम विजय शर्मा के प्रयासों से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की पुलिस शिव प्रसाद साहू के कातिलों तक पहुँची और मृतक रघुनाथ साहू के बेटे दिनेश साहू समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया है।

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