जगदलपुर। लोकसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण का मतदान बस्तर में 19 अप्रैल को होना है। मतदान के लिए कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन नेताओं में दहशत का आलम यह है कि प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अभी तक नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों व संवेदनशील ब्लॉक मुख्यालयों तक नहीं पहुंच सके हैं। वहीं अधिकांश नेताओं का यह कहना है कि जिस तरह से लगातार मुठभेड़ हो रही है और नक्सली मारे जा रहे हैं। इसे देखते हुए संवेदनशील इलाकों में प्रत्याशी व जिला स्तर के पदाधिकारियों का जाना संभव नहीं है।
ऐसे इलाकों में मतदाताओं को प्रभावित करने लोकल कार्यकर्ताओं पर पूरा दारोमदार रहेगा। अधिकांश पार्टी नेताओं का कहना है कि माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की वजह से उनके पार्टी कार्यकर्ता दबाव में हैं, जिसका सीधा असर लोकसभा चुनाव में दिखेगा। हालात यह है कि नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, दंतेवाड़ा व सुकमा के कई ऐसे इलाके है, जहां प्रत्याशी तो दूर पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता तक नहीं पहुंच सके है और आगे भी इनके इन इलाकों में पहुंचने की संभावना नजर नहीं आ रही है।
सावधानी से चुनाव के लिए प्रचार कर रहे
सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के भाजपा अध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार का कहना है कि पूरी सावधानी से चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं। बीजेपी प्रत्याशी महेश कश्यप जिले के मैरमगढ़ व बीजापुर मुख्यालय का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अभी भी उसूर व भोपालपटनम ब्लाक मुख्यालय तक भी नहीं पहुंच सके है। आने वाले दिनों में फोर्स का अच्छे से इन इलाकों में मुवमेंट होने के बाद इन इलाकों में हेलीकॉप्टर से जाने कार्यक्रम बनाया जा रहा है।