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 37 प्रत्याशियों में कांग्रेस से विकास उपाध्याय ही अपनी जमानत बचा पाने में कामयाब रहे, जबकि अन्य सभी 36 प्रत्याशी अपनी जमानत बचा नहीं पाए।

रायपुर। लोकसभा चुनाव के परिणाम से एक बार फिर साबित हो गया कि नगरीय निकाय और विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा का चुनाव लड़ना किसी भी प्रत्याशी के लिए आसान नहीं है। लोकसभा चुनाव में प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के कुछ राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों  को छोड़कर ज्यादातर प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो जाती है। रायपुर लोकसभा सीट के लिए हुए चुनाव का परिणाम भी ऐसा ही देखने को मिला। 

इस सीट से 38 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। इसमें से भाजपा के निर्वाचित प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल के अलावा हारे 37 प्रत्याशियों में कांग्रेस से विकास उपाध्याय ही अपनी जमानत बचा पाने में कामयाब रहे, जबकि अन्य सभी 36 प्रत्याशी अपनी जमानत बचा नहीं पाए।

जमानत बचाने क्या है नियम

निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन के अनुसार चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी को संसदीय क्षेत्र के कुल वोटों का 1/6 भाग यानी लगभग 16.66 प्रतिशत वोट पाना होता है। इस प्रतिशत से एक भी वोट कम पाने वाले प्रत्याशी की जमानत राशि जब्त कर ली जाती है।

पिछले चुनाव में 25 में 23 की जमानत हुई थी जब्त

लोकसभा चुनाव 2019 में भी भाजपा से निर्वाचित हुए सुनील सोनी के अलावा हारे प्रत्याशी में कांग्रेस से प्रमोद दुबे ही अपनी जमानत राशि बचा पाए थे जबकि इस चुनाव में 25 प्रत्याशी मैदान पर थे। इस तरह 23 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी।

सात लाख से ज्यादा की कमाई

रायपुर लोकसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने साथ प्रत्याशियों ने जमानत राशि भी जमा कराई थी। यह राशि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए साढ़े 12 हजार रुपये तथा अन्य वर्ग के प्रत्याशी के लिए 25 हजार रुपये थी। इस चुनाव में 36 प्रत्याशी अपनी जमानत बचा नहीं पाए, जिनकी कुल राशि 7 लाख रुपये से अधिक है। यह राशि अब हारे प्रत्याशियों को लौटाई नहीं जाएगी। या यूं कहें कि भारत निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन के अनुसार संसदीय क्षेत्र के कुल वोटों की तुलना में निधर्धारित प्रतिशत वोट नहीं मिलने के कारण हारे प्रत्याशियों की जमानत राशि प्रशासन जब्त कर ली जाएगी। इस राशि का उपयोग अब प्रशासन करेगा। निर्वाचित प्रत्याशी भाजपा के अलावा जमानत बचा पाने में कामयाब रहे कांग्रेस प्रत्याशी को राशि लौटाई जाएगी।

12 प्रत्याशी 500 वोटों का आंकड़ा भी नहीं कर पाए हासिल

लोकसभा चुनाव 2024 में रायपुर सीट से जितने राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशी नहीं उतरे थे, उससे ज्यादा गैर राजनीतिक दल एवं निर्दलीय प्रत्याशी मैदान पर थे। इनमें से कुछ को छोड़कर सभी प्रत्याशी जीत का दावा कर मैदान पर उतरे थे, लेकिन चुनाव के परिणाम ने प्रत्याशियों की जीत का दावा की भी पोल खोल दी। चुनाव में 12 प्रत्याशी ऐसे हैं, जिनके पक्ष में 500 वोट भी नहीं पड़े, जबकि इन्हें मिलाकर 20 प्रत्याशी एक हजार वोट का आंकड़ा भी छू नहीं पाए हैं। इसी प्रकार 5 प्रत्याशी को 1 से 2 हजार के बीच, 4 प्रत्याशी को 2 से 3 हजार के बीच तथा 2 प्रत्याशी को 8 से 10 हजार के बीच वोट मिले हैं।

जब्त होगी राशि

जिला उप निर्वाचन अधिकारी उमाशंकर बंदे ने बताया कि, लोकसभा चुनाव 2024 में 38 में से 36 प्रत्याशी जमानत नहीं बचा पाए। इनकी जमानत राशि जब्त होगी। निर्वाचित भाजपा और हारे में कांग्रेस प्रत्याशी को लौटाई जाएगी जमानत राशि।

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