राजनांदगांव। भीषण गर्मी के बावजूद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल का हौसला कम नहीं हो रहा है वे पिछले 15 दिनों से एक दिन में 30 गांवो में न सिर्फ जनसंपर्क कर रहे है बल्कि सभाओ के जरिए वे ग्रामीण मतदाताओं से सीधे संवाद की स्थिति भी निर्मित कर रहे है। गर्मी से बचने वे गमछा, टोपी और हल्का भोजन लेकर वे गांवों का दौरा कर रहे है।
जनसंपर्क से देर रात वापसी
कार्यकर्ताओं के साथ आज शुक्रवार को साल्हेवारा इलाके में दौरे के दौरान उन्होंने हमेशा की तरह भाजपा कार्यकर्ता के यहां दोपहर का भोजन किया। रास्ते में खल्पाहार के रूप में चना, मुर्रा, चिवडा, मौसमी फल का भी उपयोग वे कार्यकर्ताओं के साथ करते देखे गए। श्री पांडे ने चर्चा के दौरान बताया कि वे सुबह 9-साढ़े 9 बजे सेंटर से निधर्धारित ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं से जनसंपर्क करने के लिए निकल पड़ते हैं और देर रात वापस सेंटर पहुंचते हैं। भीषण गर्मी के बीच स्वयं को फिट रखने के लिए हल्का भोजन फल-शीतल जल का उपयोग करते हैं। रात गुजरी नहीं रहती और दूसरे दिन के दौरे की तैयारी शुरू हो जाती है। रात में कुछ घंटे विश्राम करते हैं।
भूपेश गर्मी से बचने के लिए टोपी और गमछा
भिलाई स्थित अपने निवास स्थान से सुबह नौ बजे राजनांदगांव के लिए रवाना होने के पहले श्री बघेल ने हल्का नाश्ता किया। इसके बाद वे काफिले के साथ राजनांदगांव के लिए रवाना हुए। जनसंपर्क के लिए जैसे ही वे पहले गांव कबीरधाम के पनेका पहुंचे उन्होंने टोपी पहनी और गमछा डालकर वे ग्रामीणों से रूबरू हुए। सुबह नौ बजे से रात 12 बजे तक वे करीब तीस गांवों का दौरा कर रहे है। वे कहते है कि ग्रामीणों के साथ बैठकर बातचीत करने में ही उनकी थकान मिट जाती है। उनका कहना है कि ग्रामीणों का उत्साह देखकर उन्हें बेहद खुशी मिलती है। दौरे के बीच जैसे ही दोपहर हुई उन्होंने कबीरधाम के सूखाताल गांव में रूककर अपने कार्यकर्ता के घर में भोजन किया। भीषण गर्मी के बाद भी गांवों में अच्छी खासी भीड़ भी दिखाई दी। भोजन के बाद वे भालु चुवा गांव के लिए रवाना हुए। हर गांव में करीब 20 मिनट रुकने के बाद वे सीधे ग्रामीणों से रूबरू होते रहे। शाम को उन्होंने खैर बना गांव में एक कार्यकर्ता के घर में चाय पी। देर रात तक दौरे के बाद भी श्री बघेल के चेहरे में थकान दिखाई नहीं दे रही थी। वे कहते है कि पिछले एक माह से लगातार दौरे में उन्हें अच्छा खासा समर्थन मिल रहा है। वे कहते है कि जिस गांव में भी वे जा रहे है वहां के लोग यहीं कह रहे है कि उन्होंने आज तक सांसद को नहीं देखा है।
संतोष पांडेय रखते हैं जेब में प्याज
राजनांदगांव। भमकती गर्मी के बीच मतदाताओं से रूबरू जनसंपर्क करने के लिए भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडे सुबह नौ बजे सेंटर से ग्रामीण इलाकों के लिए निकल पड़ते हैं। धूप का असर और लू से बचने के लिए वे अपने कुर्ते के जेब में गोंदली (प्याज) रखना नहीं भूलते। वहीं रास्ते में चना-मुर्रा, खीरा, चिवडा का स्वल्पाहार कर मतदाताओं के दरवाजे तक पहुंच रहे हैं। अप्रैल माह के मध्यान्ह में गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। तापमान लगभग 42 डिसे तक पहुंच रहा है। ऐसे में समीप लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडे गांव-गांव एवं घर-घर पहुंचकर मतदाताओं से रूबरू होकर आशीर्वाद लेने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। श्री पांडे सुबह लगभग 9-साढ़े 9 बजे से जनसंपर्क में निकल जाते हैं और देर रात तक अपने सेंटर में वापस लौट पड़ते हैं।
पानी, खीरा, नारियल पानी रास्ते का सहारा
घरों में, रास्तों में एवं गांव के चौक- चौराहों में जहां लोग मिल जाते हैं, वहां वे रूककर न सिर्फ बातचीत कर अपने पक्ष में मतदान और आशीर्वाद की अपील करते नजर आते हैं। सिर पर तेज धूप से बचने के लिए गमछा बांधे पसीने से तरबतर अपने कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर दस्तक देना भी नहीं भूलते। इस बीच भीषण गर्मी से स्वस्थ रहने के लिए खीरा, केला, नारियल पानी एवं पानी का कुछ समय के अंतराल में सेवन करते हैं।