रायपुर। राजधानी में तीसरे चरण के अंतर्गत 7 मई को मतदान होंगे। इसके लिए तैयारियां अंतिम चरण पर हैं। पोलिंग बूथों के निर्धारण से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। बड़ी संख्या में निजी स्कूलों और कॉलेजों में भी मतदान केंद्र बनाए गए हैं। निजी स्कूलों द्वारा अपने भवन तो निःशुल्क रूप से उपलब्ध करा दिए गए हैं, लेकिन अन्य व्यवस्थाओं को लेकर वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी स्कूलों को भेजे गए संदेश में कहा गया है कि जिन अशासकीय विद्यालय एवं महाविद्यालय में पोलिंग बूथ बने हैं, वे सभी ध्यान रखें कि उनके पोलिंग बूथ में आने वाले मतदान दल के सभी अधिकारियों के लिए कूलर, गद्दों, पानी, शरबत की व्यवस्था की जाएगी।
इसके साथ ही मतदाताओं के लिए पोलिंग बूथ में नीबू पानी, शरबत एवं अन्य व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है। सभी अशासकीय विद्यालयों को बताने कहा गया है कि उनके द्वारा क्या व्यवस्था की जाएगी। 7 मई को विद्यालय की ओर से 6-8 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने और उन सभी के नाम भेजने कहा गया है। आदेश में कहा गया है कि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार ये आदेश दिया गया है।
पहली बार इस तरह के आदेश
इस आदेश के बाद छोटे निजी स्कूल परेशान हैं। उनका कहना है कि, वे निःशुल्क भवन प्रदान कर देंगे तथा अपने शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति भी कर देंगे, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के लिए नीबू पानी की व्यवस्था करना तथा अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए जलपान कूलर, गद्दे आदि का बंदोबस्त कर पाना उनके लिए संभव नहीं हैं। कई छोटे स्कूलों का संचालन आरटीई की राशि से ही होता है। ऐसे में इतने बड़े स्तर पर आर्थिक रूप से सहयोग कर पाना उनके लिए जटिल है। पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।
छोटे स्कूलों के पास राशि नहीं
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि, हम अन्य तरह के सभी सहयोग के लिए तैयार हैं। छोटे स्कूलों के पास अधिक पैसे नहीं होते हैं। प्रशासन से गुहार है कि हमारी स्थिति समझें।
हमने नहीं दिया ऐसा आदेश
जिला उप निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि, स्कूलों को नाश्ते-पानी की व्यवस्था करने संबंधित आदेश हमने नहीं दिया है।