रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 में से छह सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन पांच सीटों पर प्रत्याशी चयन का पेंच फंसा हुआ है। खास बात ये है कि जिन सीटों पर पेंच है, उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी शामिल हैं। इसके साथ ही बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़ और कांकेर में प्रत्याशी अभी तय नहीं हुए हैं। जानकारों का कहना है कि एक-दो दिन में बाकी बची सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम सामने आ जाएंगे। छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर एक साथ नाम न घोषित होने को लेकर ये बात तो साफ है कि कहीं न कही नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि पार्टी के पास दावेदारों, उम्मीदवारों की कमी है। 11 सीटों के लिए 120 से अधिक दावेदार सामने आ चुके हैं, लेकिन पार्टी प्रत्याशी चयन में सधे हुए कदम उठाना चाहती है। जीत की अधिक संभावना वाले प्रत्याशियों को तलाशा जा रहा है। इन पांच सीटों में से भी चार सीटों पर दावेदारों में भारी खींचतान रही है।
सरगुजा और कांकेर में कौन होंगे प्रत्याशी
एसटी के लिए आरक्षित सीट सरगुजा में विधानसभा चुनाव में सभी सीटें कांग्रेस हार चुकी है। यहां से अब महिला प्रत्याशी शशि सिंह का नाम चर्चा में है, लेकिन दूसरी ओर पूर्व मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी दावेदारी कर रहे हैं। डॉ. टेकाम पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे हैं, लेकिन 2023 के चुनाव से पहले उन्हें मंत्री पद से हटाया गया था और विधानसभा का टिकट भी नहीं मिला था। कांकेर सीट भी एसटी के लिए आरक्षित है। यहां 2019 के लोकसभा चुनाव में वीरेश ठाकुर प्रत्याशी थे। यह चुनाव वे करीब 6 हजार वोटों से हारे थे। यही कारण है कि वे एक बार फिर दावेदारी कर रहे हैं। इस सीट से पूर्व मंत्री अनिला भेडिया की दावेदारी सामने आई है। हालांकि वे पड़ोसी बालोद जिले से विधानसभा चुनाव जीतकर सदन पहुंचीं हैं।
बस्तर सीट पर क्या है गणित
एसटी के लिए आरक्षित बस्तर लोकसभा सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज स्वाभाविक दावेदार हैं। 2019 में मोदी लहर के बीच भी उन्होंने ये सीट जीती थी। इसके बाद माना जाता है कि बस्तर सीट पर बैज का प्रभाव है। यही वजह थी कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी बनाया गया, लेकिन 2023 आने तक श्री बैज का प्रभाव कम होता गया। विधानसभा चुनाव में उन्होंने जिद करके चित्रकोट सीट मांगी, चुनाव लड़े और हार गए। अब बस्तर सीट से कांग्रेस नेता कवासी लखमा के पुत्र हरीश लखमा की दावेदारी है। सूत्रों की मानें तो श्री बैज किसी हाल में हरीश को टिकट देने के पक्ष में नहीं हैं, उन्होंने बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल का नाम भी बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने में कोई रुचि नहीं दिखाई।
बिलासपुर-रायगढ़ में क्या है हाल
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, बिलासपुर सीट से पार्टी ने विष्णु यादव के नाम पर सहमति बन रही है। वे प्रत्याशी घोषित हो सकते हैं। इससे लगी रायगढ़ लोकसभा सीट एसटी के लिए आरक्षित है। इस सीट से पूर्व मंत्री अमरजीत भगत की दावेदारी सामने आई। हालांकि वे सरगुजा की सीतापुर सीट से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। इस सीट से तीसरी बार के विधायक लालजीत सिंह राठिया का नाम चर्चा में है। यहीं से हृदय राम राठिया की भी दावेदारी है।