सत्यम शर्मा - राजनांदगांव। परिवार से विरासत में मिली राजनीति को शिवेंद्र बहादुर सिंह ने न केवल संभाला, बल्कि उसे आगे ले जाने का काम किया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दोस्तों में भी शिवेंद्र बहादुर सिंह का नाम शामिल है। उस दौर के लोग बताते हैं कि शिवेंद्र बहादुर सिंह का पूरे प्रदेश में सिक्का चला करता था।
राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र को राजीव गांधी के साथ दून स्कूल में की थी पढ़ाई लेकर सारे निर्णय उनसे रायशुमारी के बाद ही लिए जाते थे। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल शिवेंद्र बहादुर सिंह ने अपना पहला चुनाव 1977 में खैरागढ़ विधानसभा से लड़ा था। उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतारा और वे जीत गए। इसके बाद 1974 और 1977 में भी जीत हासिल कर वे सांसद बने।
नागपुर में जन्म दिल्ली में भी पढ़े
तीन बार के सांसद रहे शिवेन्द्र बहादुर सिंह का जन्म 7 जनवरी 1943 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दून स्कूल में हुई। यहां उनके साथ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी पढ़ा करते थे। यहीं उनकी मित्रता उनसे हुई थी। यहां शिवेन्द्र राजीव गांधी के साथ 1955 से लेकर 1962 तक पढ़े। इसके बाद दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में स्नातक तक की उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। बाद में मध्यप्रदेश से कृषि का कोर्स भी उन्होंने किया।
पहला और अंतिम चुनाव हारे
राजनीति के गलियारों में उस दौर के सबसे बड़े नाम रहे शिवेंद्र बहादुर सिंह को अपने पहले और अंतिम चुनाव में सफलता नहीं मिल पाई थी। उनके राजनीतिक जीवन के पहले चुनाव 1977 के विधानसभा चुनाव में खैरागढ़ सीट से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं उनके अंतिम चुनाव 1999 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा 1989 और 1996 में भी वे लोकसभा का चुनाव हारे थे। शिवेंद्र बहादुर सिंह का 31 दिसंबर 1999 को निधन हो गया।