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श्री आदिनाथ भगवान का जन्म महोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। इस दौरान भव्य शोभायात्रा निकाली गई।  

प्रणीत जैन-रायपुर। श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड में 1008 प्रथम तीर्थंकर मूलनायक श्री आदिनाथ भगवान का जन्म महोत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन नायक और सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया कि, चतुर्थ कालीन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव आदिनाथ भगवान की जयंती बुधवार को चैत्र कृष्ण नवमी को मनाई गई। 

जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्म उत्तरप्रदेश के अयोध्या नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा नाभि राय और माता का नाम रानी मरू देवी था। आदिनाथ भगवान का जन्म आज से 84 लाख वर्ष पूर्व हुआ था। आदिनाथ भगवान की लंबाई 500 धनुष थी, लगभग 15 सौ मीटर। राजा ऋषभ देव के भरत चक्रवर्ती और बाहुबली आदि सौ बेटे, ब्राह्णी और सुंदरी नाम की दो बेटियां थीं। 

Devotees celebrating birth anniversary in the temple
मंदिर में जन्मोत्सव मनाते हुए श्रद्धालु

जैन धर्म के प्रवर्तक हैं आदिनाथ

राज दरबार में नीलांजना का नृत्य चल रहा था। सभी राजा महाराजा विराजमान थे नृत्य करते-करते नीलांजना की मृत्यु हो गई। उसी समय राजा ऋषभदेव को वैराग्य आ जाता है और अपना संपूर्ण राज पाठ अपने दोनों बेटों भरत और बाहुबली को सौंप कर वन चले जाते हैं। 6 महीने तक घोर तपस्या करते हैं और उन्हें 6 महीने तक आहार की विधि नहीं मिलती है। 1 वर्ष बाद अक्षय तृतीया के दिन उन्हें आहार मिलते हैं। राजा श्रेयांश के यहां गन्ने की रस के द्वारा आदिनाथ मुनि राज के आहार मिलते हैं। जब भगवान की आयु 14 दिन शेष रहती है वह कैलाश पर्वत पर जाकर माघ कृष्ण चतुर्दशी को आदिनाथ भगवान कैलाश पर्वत वर्तमान में उत्तराखंड से मोक्ष चले जाते हैं। वह संसार के आवागमन से मुक्त हो जाते हैं। आदिनाथ भगवान ही जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर और जैन धर्म के प्रवर्तक माने जाते हैं। 

गाने-बाजे के साथ निकाली गई भव्य शोभायात्रा

आदिनाथ भगवान को ऋषभ देव भी कहा जाता है आज इस अवसर पर सुबह 7.30 बजे एक शोभा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में सबसे पहले चांदी के रथ में भगवान आदिनाथ को विराजमान कर धार्मिक धुनों पर बाजे-गाजे के साथ नगर भ्रमण करवाया गया। रथ में सारथी बनने का सौभाग्य राकेश कुमार जैन और सुजीत जैन को प्राप्त हुआ। आज पुरुष वर्ग पारंपरिक परिधान कुर्ता पैजामा में और महिलाएं केसरिया साड़ी में मौजूद थीं। 

grand procession
भव्य शोभायात्रा

स्वर्ण कलशों में जल भरकर किया गया पहला अभिषेक 

यह शोभा यात्रा राजधानी रायपुर के मालवीय रोड स्थित बड़ा मंदिर से कोतवाली चौक, सदर बाजार एडवर्ड रोड गोल बाजार से चिकनी मंदिर होते हुए वापस मालवीय रोड स्थित बड़े मंदिर पहुंची। वहां पर स्वर्ण कलशों में प्रासुक जल भर कर प्रथम अभिषेक किया गया। आज प्रमुख चार इंद्र बनने का सौभायग्य महेंद्र कुमार सनत कुमार जैन चूड़ी वाला परिवार, आनंद जैन पूर्वा ग्राफिक्स ललिता चौक, प्रभात जैन अर्जुन एनक्लेव, सुनील जैन कचहरी चौक वालों को मिला।

महाआरती के साथ पूरी हुई पूजा-अर्चना 

इसके बाद भगवान की रिद्धि-सिद्धि सुख शांति चमत्कारिक वृहद शांति धारा की गई। इसके बाद देव शास्त्र गुरु पूजन कर भगवान की निर्वाण कल्याणक पूजन की गई। फिर विसर्जन पाठ कर महा अर्घ्य चढ़ाया गया। आखिर में महाआरती की गई इस अवसर पर ट्रस्ट और कार्यकारिणी कमेटी महिला मंडल के सदस्यों के साथ-साथ बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे। 

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