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लोरमी नर्सरी में 50 निलगिरी पेड़ों की अवैध कटाई पर अब विभागीय अफसर बचते हुए दिखाई दे रहें हैं. किसके कहने पर कटाई की गई ये अधिकारी खुद नहीं जानते हैं।

राहुल यादव-लोरमी। छत्तीसगढ़ के लोरमी नर्सरी में 50 निलगिरी पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में अब विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही फसते नजर आ रहे हैं। बिना अनुमति के वन विभाग लोरमी के एसडीओ सूर्यवंशी और रेंजर कृष कुजूर ने मिलकर नर्सरी में लगे निलगिरी पेड़ों की अवैध कटाई की गई थी। कटाई करके इसे बेचने के फिराक में भी थे। इसी दौरान मीडिया सामने से आ गई और उनकी बनी हुई प्लानिंग पर पानी फिर गया। जब अवैध कटाई की सच्चाई मीडिया ने सामने लाई तो विभाग के एसडीओ और रेंजर दोनों ने अपना पल्ला झाड़ लिया।

अवैध कटाई के मामले में दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे। शहर के बीचो-बीच वन विभाग की नर्सरी है, जहां सैकड़ों की तादाद पर नीलगिरी के पुराने पेड़ लगे हुए हैं जो नर्सरी की शोभा बढ़ाते हैं। उसे किसके कहने पर कटाई किया गया ये अधिकारी खुद नहीं जानते हैं। इस पर वन विभाग के एसडीओ और रेंजर दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। तीन दिन पहले अमलाई से आए हुए मजदूरों के द्वारा नर्सरी में लगे निलगिरी पेड़ों की कटाई की गई और रातों-रात ट्रक पर उसे लोड भी कर दिया गया।  ट्रक को लेकर निकलने ही वाले थे कि, अचानक मीडिया आ धमकी और उनके किए किराए पर पानी फिर गया। जब इसकी जानकारी मजदूरों से ली गई तो मजदूरों का कहना है कि, हम लोगों को अमलाई का पेपर मिल वाले मलिक ने यहां भेजा है। पेड़ कटाई करके इसे लेकर जाना है। 

50 निलगिरी पेड़ बिना अनुमति काट डाले गए 

इस मामले में रेंजर कुजूर का कहना है कि, मुझे मेरे उच्च अधिकारी ने निर्देश दिया कि, पेड़ कटाई करना है तो मैंने 50 नीलगिरि पेड़ों की कटाई की है। जब इसकी जानकारी एसडीओ वन विभाग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, मुझे मेरे उच्च अधिकारी के द्वारा कहा गया था कि, नर्सरी में लगे निलगिरी पेड़ों की कटाई करवाना है। जब उनसे पूछा गया कि, क्या आपने राजस्व अनुविभागी अधिकारी से इसकी अनुमति ली है। इस पर उन्होंने कहा कि, हमने आवेदन दिया है लेकिन अनुमति नहीं मिली है। अब सोचना यह है कि, राज्य में लगे आचार संहिता के दौरान बिना अनुमति के वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी किस तरह से हरे भरे पेड़ की कटाई कर दी। जब वन विभाग के एसडीओ और रेंजर से हमारे संवाददाता मिलने गए तो दोनों ही अधिकारी बचते हुए दिखाई दिए। 

वन अधिकार अधिनियम को ताक पर रख हुई कटाई 

जिन पेड़ों की कटाई विभाग के अधिकारियों ने कराई गई है, उसमें पक्षी के घोसले बने हुए थे। उसमें यह भी देखा गया है कि पक्षी के अंडे उस घोसले में थे.  पेड़ कटाई होने पर वह नीचे गिर गए जबकि नियम में यह है कि, जिस पेड़ में पक्षी के घोसले हैं उसे कटाई नहीं की जाती है। यह वन अधिकार अधिनियम के तहत अपराध माना जाता है अगर ऐसा है तो क्या विभाग की जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी यह एक सोचने का विषय है। 

महिला अफसर पर भी हुई थी विभागीय कार्यवाही 

लोरमी वन विभाग में इसके पहले एक महिला अफसर की पदस्थापना हुई थी। उनका विवादों से काफी नाता रहा है विभाग में उनके द्वारा लाखों रुपए की हेरा फेरी करने की शिकायत हुई थी। जिसकी जांच विभाग के द्वारा कराया जा रहा है पता नहीं उसकी जांच कब पूरी होगी। 

 नर्सरी में बन रही करोड़ों की लागत से बिल्डिंग

नर्सरी के अंदर करोड़ों रुपए की लागत से बिल्डिंग बनाया जा रहा है. अब देखना है यह है कि बन रहे बिल्डिंग का काम किस ठेकेदार को दिया गया है। क्या उसका टेंडर हुआ या नहीं। या फिर अफसर द्वारा अपने चाहते को काम देकर उसमें भी हेरा फेरी करने की तरीका अपना रहे हैं। 

तहसीलदार बोले- जांच जारी, उच्च अधिकारी को कराएंगे अवगत 

इस मामले पर तहसीलदार  पीयूष तिवारी ने कहा कि, एसडीएम साहब के द्वारा मुझे जांच में भेजा गया था। मौका स्थल पर जाकर मैंने जांच किया है जहां पर नीलगिरी के पेड़ कटे हुए मिले हैं कार्यवाही चल रही है। पूरी कार्रवाई के बाद उच्च अधिकारी को अवगत कराया जाएगा। 

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