रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. रविवार को भूपेश बघेल के खिलाफ 120 बी, 34, 406, 420, 467 समेत अनेक धाराओं में केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में करोड़ों रुपये के लेनदेन का भी आरोप है। ये एफआईआर ईडी के प्रतिवेदन पर ACB-EOW में दर्ज की गई है। वहीं इससे पहले महादेव सट्टा एप का एक मालिक रवि उप्पल को ईडी के दखल के बाद इंटरपोल की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे दुबई में कस्टडी में रखा गया है।
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में जब ईडी ने दावा किया था कि, उसने एक 'कैश कूरियर' के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है। जिसमें खुलासा हुआ कि, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे। फिलहाल महादेव बुक का मालिक अब हिरासत में हैं और उसे मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया है।
भूपेश बघेल ने बताया था निराधार
महादेव ऐप घोटाले को लेकर ईडी की चार्जशीट में पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम आने के बाद उन्होंने ट्वीट किया कर कहा था कि, चार्जशीट में मेरा नाम राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर लोगों को गिरफ्तार कर रही है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आगे लिखा कि, ईडी दबावपूर्वक मेरे और सहयोगियों के खिलाफ बयान दिलवा रही है। मुझ पर लगाए गए पैसों के लेन-देन के आरोप भी निराधार हैं। उन्होंने आगे कहा कि, जिस असीम दास के पास से पैसे बरामद हुए हैं उसने खुद हस्तलिखित बयान में कहा कि, उसने कभी किसी राजनेता को पैसे नहीं पहुंचाए।
ये है पूरा मामला
महादेव सट्टा ऐप मामले में ईडी लगातार जांच कर रही है। इस दौरान खुलासा हुआ है कि, विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर्स की तरफ से 508 करोड़ रुपए दिए गए थे। ईडी की मानें तो असीम दास ने अपने बयान में कहा कि, महादेव ऑनलाइन बुक के एक प्रमोटर शुभम सोनी ने भूपेश बघेल को कैश पहुंचाने का काम सौंपा था।