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जशपुर जिले में पुलिस ने महादेव सट्टा ऐप का भंडाफोड़ किया है। बुधवार को पुलिस ने इससे जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 28 करोड़ 76 लाख जमा और 25 करोड़ 51 लाख रुपए का आहरण किया है।

जितेंन्द्र सोनी- जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पुलिस ने महादेव सट्टा ऐप का भंडाफोड़ किया है। बुधवार को पुलिस ने इससे जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने बैंक खातों से 28 करोड़ 76 लाख जमा और 25 करोड़ 51 लाख रुपए का आहरण किया था। चारों आरोपी तपकरा थाना क्षेत्र के निवासी है। 

जब्त सामान
जब्त सामान

वहीं पुलिस ने सट्टा ऐप के 3 करोड़ 24 लाख 77 हजार रूपये को फ्रीज कराया है। बाप- बेटे समेत दो आरोपियों ने ग्रामीणों के 95 बैंक खाते से 124 एटीएम कार्ड से करोड़ों रुपए की हेरा- फेरी की थी। आरोपियों के पास से 2 लाख 30 हजार रूपये नगद, कई बैंकों के एटीएम कार्ड, पासबुक, चेक बुक, बैंक का सील, सिम कार्ड समेत पासपोर्ट पुलिस ने जब्त किया है। 

दो पहले हुई थी आईडी देने की शुरुआत 

दो साल पहले महादेव आईडी के नाम से बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित होते थे। लाखों रुपए लेकर आईडी बेची जाती थीं और उसके माध्यम से छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में सट्टा खिलाया जाता था। महादेव आईडी के कर्ताधर्ता छत्तीसगढ़ से जुड़े थे तो सबसे ज्यादा जाल इसी प्रदेश में फैलाया गया। रसूखदार लोग इस धंधे से जुड़े। राजनीतिक प्रशासनिक, पुलिस से लेकर गुंडे मवालियों ने खूब पैसा कमाया। हरिभूमि ने इसका खुलासा किया और देखते ही देखते सरगना फरार हो गए और सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारियां की गईं। लेकिन अरबों के इस धंधे की कमर नहीं टूटी। महादेव सट्टा एप के ऑपरेटर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर ने विदेश में भी अपने पैर पसारे। 

ऑनलाइन किया जा रहा है प्रचार 

ईडी, ईओडब्ल्यू और एसीबी से लेकर तमाम एजेंसियां उनकी तलाश में हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली खबर आई। पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई तेज होने के बाद महादेव सट्टा एप के ऑपरेटर ने ऑनलाइन सट्टा चलाने का पैटर्न बदल लिया है। लोकल बुकी और सटोरियों के बाद अब आम लोगों को ऑनलाइन सट्टेबाजी से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन जारी कर इसकी आईडी बेची जा रही हैं। ऑनलाइन वेबसाइट पर क्लिक करते ही व्हाट्सएप चैट पर यूजर को ले जाया जाता है और उसके बाद वहां पर कॉल सेंटर से बैठा व्यक्ति संपर्क करता है। और फिर पैसा डिपॉजिट करने के बाद व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा जाता है जिसके बाद आईडी और पासवर्ड दिया जाता है फिर शुरू होती है ऑनलाइन सट्टेबाजी।

कहा पुलिस को पता भी नहीं चलेगा 

संवाददाता ने कस्टमर केयर से बात की। पूछा कि छत्तीसगढ़ में महादेव एप के चलते इस तरह की गतिविधियां निशाने पर हैं, ऐसे में दिक्कत तो नहीं होगी। कस्टमर केयर ने वायस नोट भेजा, कहा कोई दिक्कत नहीं होगी। ट्रांसजेक्शन के लिए एसबीआई का नंबर दिया गया। क्यूआर कोड पर क्लिक करते ही पेमेंट का आप्शन आ गया। कस्टमर केयर ने कहा कि जैसे ही पेमेंट होगा आपकी आईडी शुरू हो जाएगी और उसके बाद जितना चाहे पैसा लगा सकते हैं।

ग्रो मोर ट्रांसपोर्ट के नाम पर पेमेंट

संवाददाता को पेमेंट के लिए जो क्यू आर कोड भेजा गया वह ग्रो मोर ट्रांसपोर्ट के नाम पर था। कस्टमर केयर ने तीन वायस नोट भेजकर कहा कि आईडी क्रिएट होने के बाद ऑनलाइन एक फार्म भेजा जाएगा। फार्म फिलअप करते ही आपको ग्रुप में एड कर दिया जाएगा। उसके बाद एक्टिव मेंबर बन जाएंगे।

हरिभूमि-आईएनएच संवाददाता ने की सौदेबाजी

सोशल मीडिया पर चल रहे विज्ञापन क्लिक करते ही वेबसाइट पर लिंक ओपन हुआ। उसके बाद वाट्सएप पर डिटेल आने शुरू हुए। बताया गया कि स्काई एक्सचेंज, पीडीएम 999, क्रिकेट बेट 99, सिल्वर बुक, बजर999, डायमंड एक्सचेंज, टाइगर एक्सचेंज में से किसी भी साइट से आईडी ले सकते हैं। कहा कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। डिटेल देनी होगी। उसके बाद ग्रुप में जोड़ दिया जाएगा।

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