छन्नू खंडेलवाल-मांढर। छत्तीसगढ़ के मांढर में नियम विरुद्ध गठित गौरी मत्स्य सहकारी समिति के पंजीयन को निरस्त करने की ग्रामीणों ने की है। ग्राम बोइरझिटी के दंतेश्वरी मत्स्य सहकारी समिति ने इसको लेकर अधिकारियों को लिखित में शिकायत भी दर्ज करायी है।
इस संबंध में कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा से समिति के सदस्यों ने भेंट मुलाकात कर इस पर तत्काल संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जांच करने का अनुरोध किया था, जिस पर मंत्री श्री वर्मा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए जांच करने की बात कही थी. जिस पर अब जांच प्रक्रिया जारी है. इस पर भाजपा मछुआरा प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और धीवर समाज खरोरा परिक्षेत्र के अध्यक्ष सोहन धीवर ने शिकायतकर्ता समिति के अध्यक्ष व सदस्यों से जानकारी लेकर नियम विरुद्ध गठित समिति को निरस्त करने की बात अधिकारियों से की है।
परंपरागत मछुआरों को उनके अधिकारों से किया जा रहा वंचित
उन्होंने बताया कि, परंपरागत मछुआरों के हितों को ध्यान में रखकर शासन द्वारा नवीन मछली पालन नीति बनाई गई है, जिसमें मुख्यतः धीवर निषाद कहार भोई, मल्लाह इत्यादि जाति के मछुआरों के समावेशी से समिति गठित कर योजनाओं के माध्यम से रोजी- रोटी और रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इस प्रकार के मनमानी ढंग से समिति गठित करने पर परंपरागत मछुआरों को उनके हक और अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि, प्रदेश के कई जिलों में मछुआ नीति में नियम विरुद्ध समिति गठित कर दिया है। जो कि आज विवाद की स्थिति में है।
दस्तावेजों की जांच कर हो कार्रवाई
उन्होंने आगे कहा कि, मछुआरों के पेट पर लात मारने की साजिश कुछ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। जिसे बर्दास्त नही किया जावेगा, श्री धीवर ने दंतेश्वरी मछुआ सहकारी समिति के अध्यक्ष शत्रुहन निषाद और विष्णु निषाद के शिकायत पर पूरे पार्दर्शिता के साथ दस्तावेजों का जांच कर नवीन मछुआ नीति के नियम विरुद्ध गठित गौरी मत्स्य सहकारी समिति को निरस्त करने की बात कही। साथ ही नियम विरुद्ध कार्य करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।