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एसईसीएल में बड़े पैमाने पर गाड़ियों के लिए ईंधन की जरूरत पड़ती है। इसके लिए एसईसीएल ने बाकायदा आयल टैंक बना रखे हैं, आग इसी टैंक में लग गई है।

उमेश यादव - कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल के सेंट्रल वर्कशॉप के पीछे स्टोर से लगे ऑयल टैंक में भीषण आग लग गई। आग लगते ही चारों तरफ धुएं का गुबार उठने लगा। चारों तरह बाउंड्री वॉल से घिरे क्षेत्र से धुआँ उठता देख पास में स्थित कॅालोनी के लोगों में दहशत फैल गई। इसके बाद इसकी सूचना फायर ब्रिगेड की टीम को दी गई। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने में लग गए। फिलहाल फायर ब्रिगेड की टीम आग में काबू पाने की कोशिश कर रही है। 

घटनास्थल से आए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि, ऑयल टैंक से धू धू कर आग की लपटें निकल रही हैं। लोगों की भीड़ लगी हुई है और लोग इस दहशत में थे कि कहीं आग की लपटें कॅालोनी तक ना पहुंच जाएं। इतनी भीषण गर्मी में आग पूरी कॅालोनी को अपनी चपेट में ले सकती है।

पोटा केबिन में लगी आग से 5 साल की बच्ची की जलकर हो गई मौत

वही एक दिन पहले ही बीजापुर जिले के एक गर्ल्स पोटा केबिन (बांस से बने आवासीय हास्टल) में आग लग गई थी। आग इतनी भीषण थी कि, सो रही बच्चियों को भागने का समय तक नहीं मिल पाया और एक पांच साल की मासूम छात्रा की जलकर मौत हो गई। 

मिली जानकारी के मुताबिक, आवापल्ली में बांस की बंबुओं से बनाए गए विशेष तरह के आवासीय हास्टल पोटा केबिन में देर रात भीषण आग लग गई। इस आग की चपेट में आकर एक 5 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गयी। हालांकि बाकी सभी छात्राओं को तुरंत वहां से निकालकर कस्तूरबा गांधी आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया। तब तक पोटा केबिन पूरी तरह जलकर  खाक हो गया। इस हादसे में जिस 5 वर्षीय बच्ची की मौत हुई उसका नाम लिपाक्षी बताया जा रहा है, वह छात्रावास की छात्रा नहीं थी, बल्कि इस पोटा केबिन की छात्रा अपनी बुआ से मिलने आए थी। देर रात लगी इस आग को पोटाकेबिन के स्टाफ समेत स्थानीय ग्रामीणों के प्रयासों से काबू पाया जा सका। 

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