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कुरुद विधायक अजय चंद्राकर की नई-पुरानी मांगों को अब सांय-सांय पूरा कर रही है छत्तीसगढ़ की साय सरकार।

यशवंत गंजीर-कुरूद। पांच साल के अंतराल के बाद प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार आते ही पूर्व मंत्री एवं कुरूद विधायक अजय चंद्राकर की नई व पुरानी मांगों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार अब सांय-सांय पूरा कर रही है। श्री चंद्राकर के लगातार प्रयासों के चलते कुरूद विधानसभा को बीए एलएलबी व बीएड कोर्स के साथ तीन नवीन महाविद्यालय की स्थापना, चार स्कूलों का प्राथमिक से माध्यमिक में उन्नयन व सर्वसुविधायुक्त दुग्ध शीत केंद्र स्थापना की सौगात मिल रही है। इन सभी को अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है।

विधायक कार्यालय रायपुर से मिली जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा पारित अनुपूरक बजट में नगर पंचायत कुरूद में शासकीय शिक्षा बी.एड. महाविद्यालय की स्थापना हेतु लागत 50 लाख, बीए.एलएलबी. (5 वर्षीय) नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्थापना के लिए 1 करोड़ की मंजूरी दी गई है। विकासखंड कुरूद अंतर्गत ग्राम-सिर्री में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्थापना हेतु 50लाख की स्वीकृति हुई है। साथ ही साथ शासकीय गुरु घासीदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुरूद एवं महर्षि वेदव्यास स्नातकोत्तर महाविद्यालय भखारा में  स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय/विषय प्रारंभ करने 50 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। 

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दुग्ध शीत केंद्र की स्थापना व चार स्कूलों का उन्नयन भी

प्राप्त अनुपूरक बजट की सूची अनुसार कुरूद में नवीन दुग्ध शीतलीकरण केन्द्र की स्थापना हेतु मिल्क कूलर इकाई, मिल्क टेंकर वाहन एवं अघोसंरचना कार्य हेतु पशुपालन विभाग को 295 लाख की स्वीकृति मिली है। कुरूद विधानसभा क्षेत्र की  प्राथमिक शाला टिपानी, खुरसेंगा, परसवानी, प्राथमिक शाला कमरौद का पूर्व माध्यमिक शाला में उन्नयन कार्य हेतु स्कूल शिक्षा विभाग को 143 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है।

घोषणा हुई थी काम नहीं, अब होंगे पूरे

उल्लेखनीय है कि, पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह नीत भाजपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते विधायक चंद्राकर ने कुरुद के लिए बीए एलएलबी, पालीटेक्निक के अलावा क्षेत्र के लिए आईटीआई व लाइवलीहुड कॉलेज के साथ अन्य बहुप्रतीक्षित मांगें थी। जिसे तत्कालीन सरकार ने पूरा करने घोषणाएं कर रखी थी। किंतु सत्ता परिवर्तन के साथ प्रदेश में बघेल की सरकार आने के बाद यह मांगें अधर में ही लटक गई थीं। जिसे फिर से सरकार में आने के बाद पूरा करने प्रयासों में तेजी लाई है और प्रदेश सरकार के मानसून सत्र में पेश अनुपूरक बजट में पूरा कर दिया गया है।

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