एनिश पुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला, मानपुर- अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़ और राजनांदगांव तीन- तीन जिलों का काम देख रहे राजनांदगांव आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए गाड़ियों से ट्रायल नहीं कराया जाता। कहा तो यहां तक जाता है कि, लाइसेंस बनवाने वाले महिला- पुरुष को सिर्फ फोटो खिंचवाने और हस्ताक्षर कराने तलब किया जाता है। इस प्रक्रिया से जुड़े लोग बताते हैं कि, इन सब प्रक्रिया के बीच कमीशन सेट है और बदले में बाय पोस्ट लाइसेंस घर तक पहुंच जाता है।
हरिभूमि डाट काम की पड़ताल के मुताबिक, मोहला, मानपुर- अंबागढ़, चौकी, खैरागढ़ और राजनांदगांव तीन-तीन जिलों का काम देख रहे पेंड्री में स्थित आरटीओ ऑफिस के घाघ अफसरों को विभिन्न प्रकार के बनाए जाने वाले ड्राइविंग लाइसेंस के बदले में तय किए गए सैटेड कमिशन से ही मतलब रहता है। इधर ड्राइविंग लाइसेंस के अप्रूवल से पहले लाइसेंस लेने वाले उपभोक्ताओं को विभागीय तौर पर वाहन चलाकर दिखाना होता है। लेकिन आरटीओ विभाग इस प्रक्रिया का पालन ही नहीं करता है।
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आए दिन हो रहे हैं हादसे
जिले के हाईवे हो या ग्रामीण सड़क आए दिन सड़क हादसे में मौतो की खबर आम हो गई है। ऐसे में लोगों का मानना है कि किसी को जान से मारना है तो आरटीओ ऑफिस से ड्राइविंग लाइसेंस बना लो और चढ़ा दो गाड़ी।
सीधे लाइसेंस बनवाना मुश्किल
तीन-तीन जिलों का काम देख रहे राजनंदगांव आरटीओ दफ्तर में बिना आरटीओ एजेंट व दलाल को पैसे दिए काम नहीं होता। सीधे तौर पर लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया मे लोगो को कई तरह के विभागीय भूमिका से निपटना पड़ता है। जिसके कारण ड्राइवरी लाइसेंस की प्रक्रिया आम लोगों के लिए बेहद जटिल होंने के साथ आरटीओ एजेंट पकड़ना मजबूरी बन जाता है। सेंटर गांव, तहसील, जिला मुख्यालय में आरटीओ एजेंट के नाम पर दलाल और एजेंट आरटीओ से रिलेटेड दुकान खोल कर बैठे हुए हैं। टू व्हीलर 2500, फोर व्हीलर 35 00, हैवी ड्राइवरी लाइसेंस 7 हजार से 11 हजार रुपए फिक्स कर दिया गया है। जिसमें दलाल, आरटीओ अफसरों का कमीशन फिक्स है।
हस्ताक्षर और फोटो खिंचवाना ही जरूरी
बताया जाता है कि, आरटीओ दफ्तर राजनांदगांव में किसी भी तरह के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को गाड़ी चलाकर विभाग को दिखाना नहीं पड़ता है। मुख्य तौर पर विभाग के समक्ष फोटो खिंचवाकर हस्ताक्षर करना ही जरूरी प्रक्रिया है।