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मोहला, मानपुर- अंबागढ़, चौकी जिले के कौड़ीकसा सेक्टर के चारों ओर मौसमी बीमारी के साथ-साथ लेडीजोब गांव में डायरिया का प्रकोप छाया हुआ है। 

एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला, मानपुर- अंबागढ़, चौकी जिले के कौड़ीकसा सेक्टर के चारों ओर मौसमी बीमारी के साथ-साथ लेडीजोब गांव में डायरिया का प्रकोप छाया हुआ है। इस आपातकाल परिस्थिति में कौड़ीकसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ प्रभारी डॉक्टर गायब मिले। इसी बीच लोगों को शुद्ध पानी के लिए भी तड़पना पढ़ रहा है। डायरिया पीड़ित लेडीजोब गांव के मरीजों का हाल-चाल जानने के लिए विधायक इंद्र शाह मंडावी अस्पताल पहुंचे।

विधायक इंद्र शाह मंडावी जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कौड़ीकसा पहुंचे। इस दौरान एक दर्जन से ऊपर प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास के बीमार बच्चे इलाज के लिए अस्पताल में इकट्ठे थे। छात्रों के अलावा कौड़ीकसा सहित आस- पास के गांव के ग्रामीण मौसमी बीमारी के इलाज के लिए अपने परिजनों को लेकर अस्पताल में पहुंचे हुए थे। लेकिन यहां के प्रभारी डॉक्टर हितेश मार्शल ड्यूटी से गायब मिले। 

ग्रामीण बोले- महीने में एक- दो बार ही आते हैं डॉक्टर 

जहां ग्रामीणों ने बताया कि, लगभग 6 महीने पहले डॉ. हितेश मार्शल का यहां पदस्थापना हुआ है। लेकिन वह महीने में एक दो बार ही अस्पताल पहुंचते हैं और फर्जी हस्ताक्षर कर पूरे पूरे महीने भर का वेतन निकालते हैं। अस्पताल के दुर्दशा की जानकारी प्राप्त करने के बाद विधायक इंद्र शाह मंडावी लेडीजोब गांव पहुंचे। जहां विधायक ने तुरंत कलेक्टर को फोन कर गांव में प्रशासनिक व्यवस्था ठीक करने को कहा है।

शुद्ध पेयजल के लिए तड़प रहा है गांव

लेडीजोब गांव में दुषित हैंडपंप को सील करने के बाद पेयजल आपूर्ति के लिए गांव को अब भटकना पड़ रहा है। भाजपा नेताओं के लेडीजोब गांव पहुंचने के दौरान दिखावे के लिए पीईची विभाग की तरफ से एक दिन टैंकर भेजा गया। लेकिन उसके बाद विभाग अब पीठ दिखा रहा है। विधायक ने डायरिया ग्रसित गांव में पानी टैंकर की अनुपलब्धता को देखकर बेहद नाराज हुए और तुरंत पीएचई के अधिकारियों को फोन पर गांव में पानी पहुंचाने का निर्देश दिया। 

कौड़ीकसा अस्पताल में मिली ढेरों शिकायत

ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि, यहां पदस्थ प्रभारी डॉक्टर हितेश मार्शल राजनांदगांव में निवास करते हैं। जब से वे यहां पदस्थ हुए हैं तब से वे लगातार गायब रहते हैं। महीने में कभी- कभार अस्पताल पहुंचते हैं और पूरे महीने का हस्ताक्षर कर वेतन आहरण करते हैं। इसके साथ ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को यहां प्रताड़ित किया जा रहा है।

रात में गायब रहता है अस्पताल का पूरा स्टाफ

आर्सेनिक पीड़ित कौड़ीकसा गांव में 30 बिस्तर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  संचालित है। उक्त अस्पताल से कौड़ीकसा, अरजकुण्ड, भगवान टोला, दोडके, देवरसुर, परसाटोला, नीचेकोहडा, कुदुरघोड़ा सब सेंटर के ग्रामीण जुड़े हुए हैं। लेकिन इस अस्पताल से डॉक्टर गायब रहते हैं और कोई मरीज पहुंच भी गया तो उसे तत्काल अपने घर से ही रेफर कर देते हैं। इसके अलावा रात को ओपीडी मे भी किसी की ड्यूटी नहीं लगाई जाती। जो इस क्षेत्र के हजारों ग्रामीणो के लिए सिरदर्द बना हुआ हैं।

बीईओ बोले- डॉक्टर को जारी किया जायेगा नोटिस 

इस मामले को लेकर विकासखंड चिकित्सा अधिकारी श्री धुर्वे ने कहा कि, विभागीय जांच कर उक्त डॉक्टर के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।

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