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सिम्स अस्पताल के सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ओपी राज ने 2019 बैच की लगभग 40 से अधिक महिला इंटर्न से छेड़खानी की थी। अब इस मामले में कार्रवाई कर उसे हटा दिया गया।  

बिलासपुर। आखिरकार सिम्स प्रबंधन ने स्वीकार किया कि सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. ओपी राज ने 2019 बैच की लगभग 40 से अधिक महिला इंटर्न से छेड़खानी की थी। इस प्रोफेसर को अब सिम्स से हटा दिया गया है। उनका तबादला शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर किया गया है। हालांकि शासन की इस कार्रवाई को भी  मामले को दबाने और आरोपी प्रोफेसर को बचाने के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल, महीनों तक इस मामले को पहले तो सिम्स प्रबंधन ने दबाकर रखा। जब मामले ने तूल पकड़ा तो एक जांच कमेटी बनाकर इसे ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश भी भरपूर की गई। महिला इंटनों से आरोपों को वापस लेने के लिए दबाव की बात भी सामने आई। इसके बाद भी मामला बढ़ता रहा तो अब जाकर आरोपी प्रोफेसर का तबादला तो किया गया है लेकिन प्रबंधन की पुलिस से शिकायत या एफआईआर की कोई कोशिश या प्रक्रिया नहीं की जा रही है।

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एसीबी की टीम ने राज्य संपरीक्षक कार्यालय के दो बाबुओं को रंगे हाथ पकड़ा

वहीं कुछ दिन पहले ही दुर्ग जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रिश्वत लेने वाले दो कर्मचारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। राज्य संपरीक्षक कार्यालय के उपसंचालक दिनेश कुमार और सहायक संपरीक्षक होमन कुमार को 6 हज़ार रूपए का रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। 

पेंशन बनवाने के नाम पर मांगी थी रिश्वत 

पीड़ित ने बताया कि, रिसाली निगम से रिटायर्ड होने के बाद अपने ही पेंशन के लिए इधर-उधर भटकता रहा। राज्य संपरीक्ष कार्यालय के बाबु ने पेंशन पास करने के लिए 10 हजार रूपए की मांग कर रहे थे। इसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत एसीबी में दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने एक जाल बिछाया जिसमें कार्यालय में  पदस्थ 2 बाबु  फंस गए। एसीबी की टीम ने पीड़ित से 6 हज़ार रूपए लेते हुए दोनों को रंगे हाथों पकड़ा लिया। इसके बाद एसीबी की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल एसीबी टीम आगे की कार्रवाई में जुट गई है। 

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