कुश अग्रवाल- बलौदाबाज़ार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाज़ार जिले में चार लोगों की नृशंस हत्या करने वाले 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी, पड़ोसी मृतक परिवार के सदस्यों पर जादू टोना करने का शक करते थे। आरोपियों ने हत्याकांड की पूरी कहानी खुद बताई है की आखिर इस चार लोगों की नृशंस हत्या के पीछे का क्या कारण था।
दरअसल ग्राम छरछेद में चार लोगों की नृशंस हत्या करने वाले एक नाबालिग किशोरी सहित 5 लोगों को कसडोल पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपियों ने जादू टोना के शक में दो महिला, एक पुरुष और एक 11 माह के मासूम सहित 4 लोगो की, कर हत्या कर दी थी। आरोपियों ने पत्थर तोड़ने के लोहे का हथौड़ा, लोहे के बड़े फरसे नुमा हथियार से घातक वारकर घटना को अंजाम दिया था।
बलौदाबाज़ार- चार लोगों की नृशंस हत्या करने वाले आरोपियों ने हत्याकांड की पूरी कहानी बताई है की कैसे अंधविश्वास के चलते उन्होंने इस पूरी घटना को अंजाम दिया. @BalodaBazarDist #Chhattisgarh @murder @CG_Police #superstition pic.twitter.com/58ZaACTsQA
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) September 14, 2024
हत्याकांड की पूरी कहानी आरोपियों की जुबानी
आरोपियों ने नृशंस हत्या करने की वजह बताते हुए कहा की उनके घर में एक छोटी बच्ची की तबीयत कई दिनों से खराब थी, जिसके लिए आरोपी, पड़ोसी मृतक परिवार के सदस्यों पर जादू टोना करने का शक करते थे। घटना वाले दिन भी दोपहर को उन्होंने अपने पड़ोसी मृतक पटेल परिवार के घर जाकर समझाया था की हमारे घर की बच्ची आप लोगो का नाम लेकर बडबडा रही है। आप लोग जादू टोना बंद कर दे। उसके बाद आरोपी वापस अपने घर आ गए।
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जादू टोना करने का था शक
घटना वाले दिन आरोपी रामनाथ ने बताया की गुरुवार शाम 6 बजे इसी शक में आवेश में आकर हम सभी पांचों लोग एक साथ मिलकर पत्थर तोड़ने के लोहे के हथौड़े और लोहे के अन्य धारदार हथियार से वार करते हुए चारों लोगों की हत्या कर दी। सबसे पहले उन्होंने घर में घुसकर महिला जमुना बाई 26 वर्ष जो अपने बच्चे दूध पिला रही थी, उसकी हत्या कर दी। उसके बाद हत्यारो के ऊपर ऐसा भूत सवार हुआ की उसके 11 माह के मासूम दुधमुंहे बच्चे की धारदार हथियार से हत्या कर दी।
चार लोगों की नृशंस हत्या
दो लोगों की हत्या के बाद एक अन्य महिला यशोदा बाई 30 वर्ष जो गंडाई जिला दुर्ग निवासी है। जो अपने मायके आई हुई थी। उसकी लोहे के भारी घन से मार कर हत्या कर दी। आवाज सुनकर पीछे बाड़ी में काम कर रहे परिवार के अन्य सदस्य चेतराम आया उसने रोकने की कोशिश की तो हत्यारो ने बेरहमी से उसे भी मार दिया। घर में मौजूद छोटी बहन पीछे बाड़ी के रास्ते से भागकर, दूसरे घर में छुपकर अपनी जान बचाई। घर के अन्य सदस्य अपनी बुजुर्ग मां को लेकर इलाज के लिए कसडोल गए हुए थे, नही तो हत्यारे उनकी भी हत्या करने से नहीं चूकते।
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लोगों में जागरूकता की जरुरत
छरछेद हत्याकांड से दहली प्रदेश में ये आख़िर हो क्या रहा है। इस आधुनिकता के दौर में भी ख़ासकर गांव में अंधविश्वास का बीज पनप रहा है। टोना जादू के शक में न जाने और कितने घर तबाह होंगे। ना जाने कितनी ज़िंदगी बर्बाद होगी। सरकार प्रशासन चाहे टोनही प्रथा को लेकर चाहे जितनी भी जागरूकता अभियान चला ले, लेकिन आज भी हम इससे आगे नहीं बढ़ पायें हैं। अब ख़ुद से अपने अंदर जागरूकता लानी होगी, ताकि फिर से छरछेद जैसे नरसंहार न हो सके।