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सीतामढ़ी धाम घघरा में नौतपा महायज्ञ प्रारंभ हो गया है। इस महायज्ञ में आने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

मनेन्द्रगढ़- भरतपुर ब्लाक के सीतामढ़ी धाम घघरा में नौतपा महायज्ञ प्रारंभ हो गया है। इस महायज्ञ में आने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। सीतामढ़ी धाम घघरा जनकपुर मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर रांपा नदी के तट पर बना हुआ है। नौतपा महायज्ञ का यह तीसरा साल है। इस साल सीतामढ़ी धाम घघरा के महंत रामचंद्र शरण जी महाराज 151 धुनि के बीच बैठकर तप करते हुए नजर आ रहे हैं।  

3 सालों से लगातार किया जा रहा महायज्ञ 

नौतपा महायज्ञ के पहले साल में 9 कुंडी के बीच महाराज ने जप किया था। वहीं दूसरे साल में 51 कुंडी के बीच बैठकर महाराज ने जप किया था। जहां इस नौतपा में दोपहर के वक्त बाहर निकलना बड़ा मुश्किल है। वहीं नौतपा यज्ञ में महाराज लगातार 4 घंटे धूप में 151 कुंडी के बीच बैठकर अपनी साधना कर रहे हैं। 

नौतपा महायज्ञ का मुख्य कार्यक्रम 3 जून तक जारी रहेगा

कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुई थी। जिस कलश यात्रा को जनकपुर के कैलाश मंदिर से प्रारंभ करते हुए चांग माता मंदिर होते हुए सीतामढ़ी धाम घघरा तक पहुंचाई गई थी। इसके बाद 25 मई दिन शनिवार से नौतपा यज्ञ चालू हुआ। यह नौतपा महायज्ञ 3 जून तक चलेगा। जहां 25 मई से हर दिन श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आयोजन दोपहर 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक किया जाता है। 

सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण 

नौतपा महायज्ञ को लेकर ग्राम पंचायत घघरा के सरपंच ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि, इस नौतपा यज्ञ में आने से ही मात्र सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस नौतपा यज्ञ में शामिल होने के लिए पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भक्त यहां पहुंचते हैं। वहीं गांव के मोनू, सनी सिंह बघेल वह उन भक्तों का कहना है कि, जब से क्षेत्र में नौतपा यज्ञ चालू हुआ है तब से यहां सुख-शांति बनी हुई है। 

सामूहिक विवाह और पूर्ण आहुति की जाएगी

सीतामढ़ी धाम मंदिर में लगातार श्री राम नाम का अखंड सकीर्तन भी चालू है। 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय संत समाज सम्मेलन, 2 जून को श्रीमद् भागवत राम की विश्राम और 3 जून को व्रतबंध कार्यक्रम के साथ सामूहिक विवाह और पूर्ण आहुति होगी। 

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