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डोंगरगढ़ में नवरात्री पर्व के बीच एक भक्त की अनोखी भक्ति देखने को मिला। भक्त माँ दुर्गा की सवारी शेर का रूप धारण करके अपनी अर्जी लगाने मातारानी के दरबार पहुंचा है। 

राजा शर्मा- डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में नवरात्री पर्व में एक भक्त की अनोखी भक्ति दिखी। माँ बम्लेश्वरी  के दरबार में यूं तो भक्त माता  को खुश करने के लिए अनेकों तरह से पूजा अर्चना करते है। एक भक्त ऐसा भी है, जो मातारानी के दरबार में शेर बनकर पहुंचा है। भक्त लगभग 100 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा कर अपनी अर्जी लगाने के लिए पहुंचा था। 

दरअसल नवरात्री के अवसर पर मातारानी के भक्त उन्हें खुश करने के लिए कई भक्त पहुंचते हैं। भक्त मन्नत पूरी होने के बाद या पूरा करने के लिए पैदल और लुढ़कते हुए कठिन रास्तों से होते हुए मंदिर पहुंचते है। वहीं इस बार शारदीय नवरात्री में रायपुर के रहने वाले भक्त ने माँ दुर्गा की सवारी शेर का रूप धारण करके माँ बम्लेश्वरी के दरबार पहुंचा है। लगभग 100 किमी. से अधिक की पदयात्रा कर वह माता के दरबार में अपनी अर्जी लगाने पहुंचा है। 

दुर्गा मंदिर में घुसा भालू

वहीं कांकेर जिले के अरौद में भालुओं ने ज्योति कलश का तेल पी लिया। मिली जानकारी के अनुसार  7 अक्टूबर की मध्य रात्रि ज्योति कक्ष के ऊपर खपरैल वाले मकान पर दो भालुओं ने खपरैल, बांस, लकडी पर चढ़कर उसे तोड़कर जोत कक्ष में प्रवेश किया। ज्योति कलश को बुझाकर उसके तेल को पी गए। भालुओं की आवाज सुनकर पड़ोसी घासी पटेल ने पुजारी ईश्वर पटेल को जगाया। उन्होंने बताया कि उनके पहुंचने तक भालू उत्पात मचा रहे थे। पड़ोसी और पुजारी ने जैसे-तैसे भालुओं को भगाया, परंतु कुछ देर बाद फिर से भालू ज्योति कक्ष में पहुंचकर बचे दीपों को तोड़कर तहस-नहस कर दिया। 

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वन विभाग को दी गई जानकारी 

भालुओं के उत्पात की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। घटना को देखने के लिए सुबह से गांव के लोगों की भीड़ जुट गई थी। पुजारी ईश्वर पटेल ने बताया कि भालुओं के उत्पात की जानकारी वन विभाग को दी गई है। वन रक्षक मौके पर पहुंचकर नुकसान की जानकारी लेकर उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया।


 


 

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