रायपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मार्च 2023 के सड़क नाकाबंदी मामले के लिए जिम्मेदार नक्सलियों और समर्थकों से संबंधित कई स्थानों पर तलाशी ली।
20 मार्च 2023 की घटना से संबंधित इस मामले में कुल 35 आरोपी नामजद हैं, जिसमें प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने इंडिया गेट रायनार के पास नारायणपुर-ओरछा मुख्य मार्ग को कई हिस्सों में खोदकर, पेड़ों को काटकर और कई जगहों पर छोटे-बड़े पत्थर रखकर अवरुद्ध कर दिया था। इस अवरोध का उद्देश्य पुलिस दलों को मारना और उनके हथियार लूटना था।
NIA Conducts Searches in Chhattisgarh CPI (Maoist) Road Blockade Case pic.twitter.com/45OVmq7l4n
— NIA India (@NIA_India) September 4, 2024
माड़ बचाओ मंच का नेता चार्जशीटेड माओवादी है
इस मामले में एनआईए की जांच के दौरान कुछ सीपीआई (माओवादी) समर्थकों/ओजीडब्ल्यू के नाम सामने आए थे। उन पर सीपीआई (माओवादी) के एक फ्रंटल संगठन माड़ बचाओ मंच के सदस्य होने का संदेह है। बताया जाता है कि, उन्होंने अपराध को अंजाम देने में सीपीआई (माओवादी) की सहायता की थी। लखमा राम उर्फ लखमा कोरम, जो ओरछा के नादीपारा विरोध स्थल पर माड़ बचाओ मंच का नेता था, इस मामले में एक चार्जशीटेड माओवादी है।
नक्सल समर्थक है ‘माड़ बचाओ मंच’
जांच से पता चला है कि, माड़ बचाओ मंच मुठभेड़ों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करता है और प्रतिबंधित संगठन के लिए नए शिविर स्थापित करने में मदद करता है। इसके अलावा उन्हें रसद सहायता भी प्रदान करता है। वे सीपीआई (माओवादी) विचारधारा के प्रचार के लिए ‘माड़ बचाओ मंच’ के बैनर तले विभिन्न बैठकें भी आयोजित करते हैं। फ्रंटल संगठन के सदस्य माओवादी कैडरों को आवश्यक सामग्री आदि पहुंचाने का काम भी करते हैं।
एनआईए की टीम के निशाने पर चार संदिग्ध
मंगलवार को की गई तलाशी में संगठन के चार संदिग्ध सदस्यों को निशाना बनाया गया और एनआईए की टीमों ने नारायणपुर जिले के कस्तूरमेटा, मदाली और मलकाल गांव के माओवादी प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में उनके परिसरों की तलाशी ली। ये क्षेत्र सीपीआई (माओवादी) के माड़ डिवीजन के अंतर्गत आते हैं। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।