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भिलाई के पास जामुल निवासी कलादास डहरिया 'रेला' नाम से एनजीओ चलाते हैं। पता चला है कि, इस एनजीओ को आजकल देशभर से फंडिंग हो रही है। कहीं यह नक्सलियों के लिए फंडिंग तो नहीं? NIA इसी की जांच कर रही है।

रायपुर। आतंकी गतिविधियों और देश विरोधी कारगुजारियों की जांच करने के लिए बनाई गई केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ में दबिश दी है। छत्‍तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा नामक संगठन के संस्‍कृति मंच के सदस्‍य कलादास डहरिया के घर NIAकी टीम ने छाप मारा है। बताया जा रहा है कि, मामला नक्सल फंडिंग से जुड़ा हुआ है। NIA की टीम ने जहां दबिश दी है वह मकान जामुल के लेबर कैंप में स्थित है। बताया जा रहा है कि, एनआईए की टीम  डहरिया के घर सुबह 4 बजे पहुंची और लैपटॉप, पेन ड्राइव सहित अन्य सामग्री की जांच की है। डहरिया से पूछताछ के बाद NIA की टीम वहां से जा चुकी है। 

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मिली जानकारी के मुताबिक, कलादास डहरिया 'रेला' नाम से एनजीओ चलाते हैं। उनका यह एनजीओ 1990 से चल रहा है। रेला किसान, आदिवासी और मजदूरों के संगठन के लिए काम करती है। बताया जा रहा है कि, इस एनजीओ को देशभर से फंडिंग हो रही है। इसी सिलसिले में डहरिया पर देश और सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का संदेह उत्पन्न हुआ है। एनआईए की टीम सुबह 4बजे पहुंची और 9 बजे तक जांच करके निकल गई। एनआईए की टीम डहरिया के घर से लैपटॉप, पेन ड्राइव और मोबाइल फोन जब्त करके ले गई है। 

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कलादास डहरिया

NIA ने नक्सलियों से संपर्क पर पूछे सवाल : डहरिया

घर से NIA की टीम के चले जाने के बाद मीडिया से डहरिया ने कहा कि, मजदूरों के न्यूनतम वेतन को लेकर कुछ दिन पहले हमने राष्ट्रपति और सरकार को चिट्ठी लिखी थी। राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने के बाद ये सारी प्रक्रियाएं सामने आई हैं। NIA की टीम ने उनसे नक्सलियों से संपर्क होने जैसे सवाल भी पूछे, जबकि वह एक कलाकार हैं और इसलिए उनके पास कई लोगों के नंबर हैं।

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