राजा शर्मा-डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में नगर पालिका अध्यक्ष पद को लेकर भारतीय जनता पार्टी और् कांग्रेस पार्टी के बीच कसमस की स्थिति पिछले 4 माह से चल रही थी। दोनों पार्टी नगर पालिका अध्यक्ष पद को लेकर हाईकोर्ट पहुंच अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कर विवाद बनाए रखें थे। लेकिन शुक्रवार को प्रशासन ने यह विवादित स्थिति को देख अविश्वास प्रस्ताव के अन्दर चुनाव करा कर पूरी स्थिति को क्लियर कर दिया। जिसमें एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी को अपनी मू की खानी पड़ी। पहले के जैसा ही इस अध्यक्ष सीट पर कांग्रेस का कब्जा बना रहा।
ध्वस्त हुआ अविश्वास प्रस्ताव, बनी रहेगी कांग्रेस
डोंगरगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष पद पहले से ही कांग्रेस पार्टी के पास थी। 24 वार्ड वाली डोंगरगढ़ नगर पालिका परिषद में एक पार्षद की मौत के बाद 23 पार्षद है, जिन्होंने शुक्रवार को नगर पालिका परिषद के सभा गृह में नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम के खिलाफ़ मतदान किया। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में जहां 15 पार्षदों ने वोट किया तो वही प्रस्ताव के विपक्ष में 8 वोट पड़े। जबकि अविश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए दो तिहाहीं बहुमत के तौर पर 16 पार्षदों के वोट की जरूरत थी।
डोंगरगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष पद को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पर आज मतदान हुआ...नगर पालिका सीट पर कांग्रेस बनी रहेगी. @RajnandgaonDist #Chhattisgarh @INCChhattisgarh pic.twitter.com/BR9l9sBp7p
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) July 12, 2024
नगर पालिका अध्यक्ष भाजपाइयों ने लगाए थे आरोप
बता दें कि, नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ में भाजपा के 14 पार्षद है तो वही कांग्रेस के पास 9 पार्षद है वही एक पार्षद की मृत्यु हो चुकी है। आज हुए मतदान में भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 15 तो प्रस्ताव के विपक्ष में 8 मत पड़े। राज्य में जैसे ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तब से ही भारतीय जनता पार्टी नगर पालिका अध्यक्ष पद को लेकर वर्तमान अध्यक्ष सुदेश मेश्राम के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगा कर विवाद की स्थिति बना रखें थे।
बीजेपी गुटबाज़ी के कारण हारी
अविश्वास प्रस्ताव लाकर भारतीय जनता पार्टी अपना अध्यक्ष नगर पालिका में बैठाने की तैयारी में थे, लेकिन इनको अपनी मू की खानी पड़ी जिसका सबसे बड़ा कारण है भारतीय जनता पार्टी का शहर में गुटबाज़ी विधानसभा चुनाव से लेकर आज तक भारतीय जनता पार्टी की गुटबाज़ी थमने का नाम नहीं ले रही हैं जिसका परिणाम आज फिर एक बार नगर पालिका अध्यक्ष पद में देखने को मिला हैं।