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रायगढ़ का चक्रपथ अब पांच फीट ऊंचा हो चुका है। पूर्व कलेक्टर की पहल पर शुरू हुआ नवनिर्माण का काम पूण हो चुका है।

रायगढ़। बरसात के दिनों में बाढ़ के पानी से चक्रपथ पूरी तरह जलमग्न हो जाता था और इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता था। परंतु रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर तारन सिंहा के प्रयास से लगभग दो करोड की लागत से चक्रपथ का जीर्णोद्धार हो चुका है, जिससे अब बरसात के दिनों में इस मार्ग जलभराव से शहरवासियों को निजात मिलेगी। लंबे समय से चक्रपथ की उंचाई बढ़ाने को लेकर रेलवे विभाग से अनुमति का मामला लटका हुआ था और पद्भार ग्रहण करते हुए पूर्व कलेक्टर तारन सिन्हा ने न केवल अनुमति दिलवाई बल्कि अनुमति मिलते ही पीडब्ल्यूडी विभाग को चक्रपथ की उंचाई बढाने की जिम्मेदारी सौंपते हुए समय सीमा के भीतर इसे पूरा करने को कहा था।

पूर्व कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने की पहल

रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर तारन सिंहा ने पद्भार ग्रहण करते ही रायगढ़ की बरसो पुरानी समस्या को लेकर एक बड़ी पहल शुरू की थी और चक्रपथ के उंचाई बढ़ाने का कार्य को प्राथमिकता के साथ लेकर काम शुरू कराया था। इस मामले में पहले रेलवे द्वारा चक्रपथ के निर्माण कार्य में अनुमति देने में आनाकानी की जा रही थी परंतु पूर्व कलेक्टर के प्रयास से चक्रपथ की उंचाई बढाने में सहमति आखिरकार मिल गई। जिसके बाद डीएमएफ फंड से करीब दो करोड स्वीकृत कराये और यह काम पीडब्लयूडी विभाग को सौंपा गया। अब लगभग एक साल के भीतर चक्रपथ का जीर्णोद्धार हो चुकी है।

चक्रपथ को 5 फीट ऊंचा किया गया

चक्रपथ शहर का वह मार्ग है जिससे चक्रधर नगर के साथ-साथ जिला न्यायालय व कलेक्टर कार्यालय जाने के लिये बरसात के समय में काफी दिक्कत होती थी और कई दिनों तक यह मार्ग बंद हो जाता था। इस समस्या को देखते हुए पूर्व कलेक्टर तारन सिन्हा ने चक्रपथ की उंचाई बढाने के काम को न केवल अनुमति दी बल्कि रेलवे विभाग से भी सहयोग लेते हुए वहां आने वाले रूकावटों को भी दूर किया। अब चक्रपथ को लगभग 5 फीट उंचा कराते हुए डामरीकरण कराया गया है। जिससे आने वाले बरसात के दिनों में भी केलो नदी का बाढ का पानी चक्रपथ में नही घुस सकेगा और इस मार्ग में आवागमन हो सकेगा।

बरसात के समय पानी में समा जाता था चक्रपथ

कई सालों से चक्रपथ बरसात के समय बाढ़ के पानी से पूरी तरह डूब जाता था जिसके कारण यातायात पर भी खासा प्रभाव पड़ता था इतना ही नही चक्रपथ में आवागमन बंद हो जाने से पूरा दबाव रेलवे फाटक पर पडता था और वहां लंबे जाम से शहरवासियों को परेशानी उठानी पड़ती थी। एक जानकारी के अनुसार बरसात के दिनों में आए दिन चक्रपथ बाढ़ के पानी से पूरी तरह जलमग्न हो जाता जिससे शहर का यातायात पूरी तरह प्रभावित होता था। इसकी उंचाई बढाने को लेकर कई बार नेताओं ने भी प्रयास किये और कई पूर्व कलेक्टरों ने भी इस पर निर्माण कार्य करने की बात तो कही थी लेकिन कोई भी अधिकारी रेलवे विभाग से चक्रपथ की उंचाई बढाने की अनुमति नहीं ले पाया।

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