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छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार पर एक्शन का दौर शुरू हो गया है। वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी थी, इस पर अमल अब शुरू हो गया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर चल पड़ी है। वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को ही सीजी जीएसटी के एक अफसर को सस्पेंड करने के बाद शनिवार को एक और बड़ी कार्रवाई की है। स्‍टाम्‍प शुल्‍क की छूट में गड़बड़ी, गाइड लाइन दरों के उल्‍लंन का दोषी पाए गए 3 वरिष्‍ठ उप पंजीयकों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें से 2 ने रायपुर में रहने के दौरान गड़बड़ी की, वहीं तीसरे पर दुर्ग में पदस्‍थ होने के समय गड़बड़ी का आरोप है।

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इनमें रायपुर का चर्चित 1 ही प्‍लाट की 3 अलग-अलग लोगों के नापम रजिस्‍ट्री का मामला भी शामिल है। इस मामले में तत्‍कालीन उप पंजीयक सुशील देहारी निलंबित किए गए थे। वहीं, जमीन की रजिस्‍ट्री में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित की गई वरिष्‍ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा अभी रायपुर में पदस्‍थ हैं। सुशील देहारी धमतरी और शशिकांता पात्रे पाटन में पदस्‍थ हैं। तीनों के खिलाफ जांच में एक करोड़ 63 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। तीनों के खिलाफ कार्रवाई विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।

भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : वित्तमंत्री 

वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के विभागीय मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि, जनता को किसी प्रकार की असुविधा शासकीय काम में नहीं होनी चाहिए। विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य में सुशासन स्थापित करने जांच की कार्यवाही निरंतर चलती रहेगी। जो भी अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्त पाये जायेंगे उन पर सख्त कार्यवाही होगी।
 

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