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छत्तीसगढ़ के जन जीवन में महुए के पेड़ की कीमत कितनी है, यह आदिवासी लोग भली भांति जानते हैं। ऐसे में 10 साल से महुए के पेड़ की देख रेख कर रही वृद्धा उसे काटे जाने से बेहद नाराज हो गई है। 

आकाश पवार -पेंड्रा। भले ही दुनियाभर के अमीर देशों के लोग पर्यावरण की चिंता करने के लिए फाइव स्टार होटलों में सेमिनार करते हों, लेकिन छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचल की महिलाएं पर्यावरण और पेड़ों को बचाने की दिशा में कितनी चिंतनशील हैं, इसकी बानगी आज पेंड्रा में देखने को मिली। 

दरअसल गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में एक अनोखा नजारा दिखा। एक बुजुर्ग महिला कटे पेड़ की डगाल को लेकर यहां शिकायत करने थाने पहुंची। वहां पेड़ की डाल को लेकर वह थाना परिसर में घूमती रही। ग्राम आमाडांड की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला इतवारिया बाई गुरुवार को पेंड्रा थाना पहुंची। वह अफसरों से मिलने का इंतजार कर रही थी। 

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पेड़ कटने से बेहद गुस्से में दिखी वृद्धा

इसी दौरान उसने बताया कि, उसने अपने कब्जे की भूमि पर पेड़ लगाई थी। पेंड्रा के रहने वाले नितिन साहू और नीरज साहू ने उसके पेड़ों को कटवा दिया। इसके बाद बेहद नाराज बुजुर्ग महिला पेड़ की डाल को अपने सीने से लगाकर थाने परिसर में घूमती रही। महिला ने बताया कि, 12 सालों से बेटे की तरह इस पेड़ का पालन कर रही थी। इसे काट दिया गया, जिससे मैं बहुत दुखी हूं। पेड़ काटने वालों के ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए। 

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