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मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने उद्योग मंत्री से मुलाकात की। 2017 से अब तक प्रदेश सरकार की तरफ से मिल रही राहत का लेखा-जोखा रखा और आगे भी राहत की मांग की।

रायपुर। प्रदेश भर के 150 स्टील उद्योग महंगी बिजली के विरोध में बीते दस दिनों से बंद हैं। गुरुवार को दो दर्जन से ज्यादा उद्योगों के ताले खुल गए हैं। आने वाले समय में और उद्योगों के ताले खुलेंगे, लेकिन आंदोलन चलता रहेगा। दरअसल एक दिन पहले ही मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन से मुलाकात करके अपना पक्ष रखा है और 2017 से अब तक प्रदेश सरकार की तरफ से मिल रही राहत का लेखा-जोखा रखा और आगे भी राहत की मांग की। राहत पर फैसला होने तक आधे से ज्यादा उद्योग बंद रहेंगे, लेकिन जिन उद्योगों को अपने खर्चों को लेकर किसी भी तरह की परेशानी है, उनको खोलने की अनुमति एसोसिएशन ने दी है।

प्रदेशभर के उद्योगों ने 29 जुलाई की रात से अपने प्लांट बंद कर दिए हैं। इसके बाद से लेकर लगातार प्रदेश सरकार के साथ चर्चा हो रही है। एक बार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और एक बार डिप्टी सीएम विजय शर्मा के साथ बैठक हो चुकी है। इस बीच उद्योग मंत्री के साथ एक बैठक हुई तो उद्योग मंत्री ने उद्योगों को प्रारंभ करने के लिए कहा। इसके बाद से अब उद्योगों के ताले खुलने प्रारंभ हो गए हैं।

राहत की दी पूरी जानकारी

मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के महासचिव मनीष धुप्पड़ ने बताया, हमारे उद्योगों को 2017 से अब तक जो राहत मिल रही है, उसकी पूरी जानकारी हमने सरकार के सामने रखी है। 2017 में लोड फैक्टर दस फीसदी था और 1.40 रुपए प्रति यूनिट पर सब्सिडी के कारण बिजली 4.66 रुपए प्रति यूनिट मिल रही थी। इसी तरह से 2018 में लोड फैक्टर 10 फीसदी, 80 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी के कारण 5.23, रुपए, 2019 में जहां लोड फैक्टर 15 फीसदी किया गया, वहीं 50 पैसे प्रति यूनिट की सब्सिडी दी गई। इस साल बिजली 5.20 रुपए पड़ी। 2020 में और 21 में लोड फैक्टर 15 फीसदी और 80 पैसे प्रति यूनिट की सब्सिडी के कारण 5.37 और 5.31 रुपए बिजली पड़ी। 2022 में लोड फैक्टर 25 फीसदी करने पर बिजली 5.36 रुपए, 23 में 6.33 रुपए और इस साल जून तक 6.01 रुपए में बिजली मिली है। अब लोड फैक्टर 10 फीसदी होने के कारण बिजली की कीमत सभी टैक्स मिलाकर 7.63 रुपए पड़ रही है। यही वजह है हम लोग सब्सिडी की मांग कर रहे हैं ताकि दूसरे राज्यों की तरह हमें भी सस्ती बिजली मिल सके।

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