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राज्य राजमार्ग पर मवेशियों की मौजूदगी से दुर्घटना होने पर संबंधितों पर पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में चूक मानी जाएगी एकपक्षीय विभागीय अनुशासनत्मक कार्यवाही की जाएगी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़कों, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग पर मवेशियों की मौजूदगी की वजह से दुर्घटना होने पर संबंधितों पर पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में चूक मानी जाएगी और एकपक्षीय विभागीय अनुशासनत्मक कार्यवाही की जाएगी। राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इस संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों, सभी नगर निगम आयुक्त, सभी मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका एवं नगर पंचायतों को इससे अवगत कराया है। खास बात ये है कि एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद बिलासपुर हाईकोर्ट ने इसे लेकर आदेश पारित किया है। यही नहीं, इस मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने राज्य के मुख्य सचिव को भी निर्देश दिए हैं।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों और नगरीय निकायों के अधिकारियों को जारी पत्र में एक जनहित याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर यह बात कही है। इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय ने राज्य सरकार को जारी पत्र में कहा है कि पूरे राज्य के जिलों में जिला प्रशासन, नगर निगमों, और नगरपालिका परिषदों से लेकर ग्राम पंचायतों के अधिकारियों समेत सभी हितधारकों को सड़कों एवं राजमार्गों पर आवारा पशुओं के खतरे को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए आवश्यक और प्रभावी आदेश जारी करें।

तय होगी जवाबदेही

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इन निर्देशों के पालन के अभाव में आवारा पशुओं की मौजूदगी का कारण उत्पन्न दुर्घटना या घटना के लिए संबंधितों पर पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में चूक मानी जाएगी। इसके साथ ही एकपक्षीय विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह भी कहा गया है कि इस संबंध में बिलासपुर हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए कड़े कदम उठाए गए हैं, उससे नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को अवगत कराया जाए।

मवेशियों की वजह से कई हादसे

छत्तीसगढ़ में प्रायः यह देखने में आया है कि आवारा मवेशी बारिश के दिनों में सूखे स्थान की तलाश में सड़कों पर आकर बैठ जाते हैं। इन्हें वहां से हटाने के
लिए कोई भी सरकारी अमला काम करता दिखता नहीं है। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट में पेश की गई जनहित याचिका पर फैसले में इस बात का उल्लेख किया गया है। हाल ही में 7 जुलाई, 2024 को तिल्दा ब्लॉक के किरना क्षेत्र में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से 15 गायों की
मौत हो गई और 3 घायल हो गईं, साथ ही ग्रामीण घायल हो गए थे। मामले में याचिकाकर्ता के एक वकील ने प्रकाशित समाचार क्लीपिंग को छत्तीसगढ़ उच्च
व्यायालय में पेश किया था। यह भी कहा गया कि सड़कों पर घूमने वाले जानवरों के साथ-साथ मनुष्यों की मृत्यु को रोकने के लिए हितधारकों द्वारा जो कदम
उठाए गए हैं, उन्हें अधिक प्रभावी नहीं पाया गया। उसी के मद्देनजर हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को पूरे राज्य के जिलों में सभी हितधारकों को आवश्यक
और प्रभावी आदेश जारी करने का निर्देश दिए थे।

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