बेमेतरा- सीबीएसई में जेंडर के प्रभाव का अवलोकन करने के लिए पश्चिम बंगाल कोलकाता से फील्ड ऑफिसर कबीरुल सपाहानी बेरला के शासकीय प्राथमिक शाला में आए हैं। उन्होंने सभी गतिविधियों में भाग लेते हुए शाला के सभी प्रकार की गतिविधियों का खुद अवलोकन किया है। जब उनसे पूछ गया कि, क्या आपने जेंडर भेदभाव जैसी समस्या का सामना किया है? अगर ऐसा हुआ है तो आपने क्या किया...जबाव देते हुए उन्होंने कहां कि, मैंने इस तरह की समस्या का सामना किया है। जिसमें मैंने अपने लिए संज्ञान लेते हुए लिखित रूप से अपने शिक्षा विभाग में आवेदन दिया। जिस पर जांच टीम ने जांच भी की है। अगर कोई व्यक्ति आपके साथ गलत व्यवहार करें तो खुद के लिए संज्ञान लेना बहुत जरुरी है। खुद की सेल्फ रिस्पेक्ट बनाये रखना बेहद जरुरी है।
बच्चा तो बच्चा होता है- कबीरुल
फील्ड ऑफिसर कबीरुल सपाहानी ने बताया कि, बच्चा तो बच्चा होता है, उसमें अच्छाई और बुराई वाली कोई बात नहीं होती, हर बच्चे में अलग-अलग प्रतिभा और काबिलियत होती है। मैं उसे कोई श्रेणी में नहीं रखती ना ही देखती हूं। उनसे जब पूछा गया कि, अगर आप प्रधान पाठक के पद पर होंगी तब कैसे कार्य करेंगी? उन्होंने सबसे पहले कहा कि, मैं अपने पूरे स्टाफ में सरल और सहज रूप से आपसी समझ और सामंजस्य बनाऊंगी, साथ ही बच्चों को अलग-अलग स्थर के अनुसार वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर उस पर सहकर्मी के साथ मिलकर कार्य करुंगी।
सफाई में मोटिवेशन के लिए क्या कार्य किया
सफाई में मोटिवेशन मिले इसके लिए क्या कार्य करते है ? फील्ड ऑफिसर कबीरुल सपाहानी ने कहां कि, इस पर भी कार्य किया गया है। जिसमें जो भी बच्चे पूरे साल में अनुशासन, पढ़ाई , साफ-सफाई में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उनको सम्मानित किया जाता है। जवाब देते वक्त सम्मानित बच्चों के फोटो और विडिओ भी दिखाए है।
परिवेशीय खेल का उल्लेख
सहशिक्षा के साथ-साथ बच्चों की तरफ से खेले जाने वाले परिवेशीय खेल जैसे- बिल्लस, भटकउल, तिरीपासा, छू- छूवउल, नदी- पहाड़, चोर-पुलिस, खो-खो, फिक्की-फिक्की बात कलर आदि। इन खेलों के बारे मे सहायक शिक्षक खिलेन्द्र सिंह ठाकुर ने जानकारी दी है। टीम का छतीसगढ़ के लगभग 15 प्राथमिक शालाओं का अलग-अलग विशेषज्ञ ने अध्ययन किया। इस प्रकार आये अवलोकन कर्ता फिल्ड ऑफिसर ने शासकीय प्राथमिक शाला बेरला के सभी शिक्षक और प्रभारी प्रधान पाठक मनीष कुमार मरकाम, खिलेन्द्र सिंह ठाकुर, प्रतिभा साहू, रोहित कुमार साहू, संतोष दास कोशले, अन्नू नागी और रसोईया- सावित्री सोनी, गीता गेंड्रे सभी के सहज और मैत्रीपूर्ण व्यवहार देखकर बहुत खुशी व्यक्त की है।