रायपुर। छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत होगी। इस बार पिछले साल के मुकाबले 1 लाख 35 हजार से अधिक नए किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। सरकार ने इस सीजन में 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाइस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बड़े कृषकों द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। इसके लिए एक सप्ताह पहले से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है।
खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बड़े कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी। राज्य के सभी 33 जिलों में किसानों से धान खरीदी की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रदेश में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान क्रय किया जायेगा। इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कृषकों की संख्या 27,01,109 है। इस वर्ष 1,35,891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रक्बों का पंजीयन किया गया है। कुल 34,51,729 हेक्टेयर रक्बे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है। धान खरीदी अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर बेच सकते है। खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बांट की व्यवस्था है। खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये है।
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टोकन मैन्युअल और ऑनलाइन
राज्य में किसानों को धान बेचने के लिए टोकन की व्यवस्था दो तरीकों से रखी गई है। किसान ऑनलाइन माध्यम से टोकन हासिल कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही मैन्युअल तरीके से भी टोकन देने की व्यवस्था रखी गई है। बताया गया है कि जहां किसानों या उनके परिजनों के पास मोबाइल एवं नेट की व्यवस्था है वहां किसान ऑनलाइन टोकन हासिल कर रहे हैं। जिन किसानों के पास मोबाइल नेट की व्यवस्था नहीं है वे सोसायटी में आकर मैन्युअल टोकन ले रहे हैं।
पेमेंट की व्यवस्था ऐसी होगी
धान बेचने वाले किसानों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की राशि धान बेचने के 72 घंटों के भीतर अदा की जाएगी। यह राशि किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन आएगी। राज्य की भाजपा सरकार ने किसानों को धान का मूल्य 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल देने का वादा किया है। एमएसपी के अतिरिक्त अंतर की राशि सरकार के कृषि विभाग द्वारा किसान उन्नति योजना के तहत दी जाएगी। किसानों को यह राशि किस्तों में न देकर एकमुश्त दिए जाने का प्रावधान है।
हेल्पलाइन भी
धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु माइक्रो एटीएम की व्यवस्था भी दी जा रही।