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धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान के लिए मार्कफेड द्वारा राज्य की समितियों को 220 करोड़ 4 लाख 35 हजार से अधिक की राशि जारी कर दी गई है। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान के लिए मार्कफेड द्वारा राज्य की समितियों को 220 करोड़ 4 लाख 35 हजार से अधिक की राशि जारी कर दी गई है। अपैक्स बैंक के माध्यम से सभी 33 जिलों की समितियों को उनके बैंक खाते में राशि सोमवार को भेज दी गई है। भेजी गई राशि में प्रासंगिक व्यय और धान खरीदी के लिए प्रावधान किया गया है।

धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू हुई। तीन दिन अवकाश के बाद सोमवार को फिर से धान की खरीदी सभी समितियों में हुई। पहले दिन 14 हजार से अधिक किसानों ने धान बेचा था। समितियों के खाते में राशि अंतरण के बाद अब इन किसानों के खाते में राशि का अंतरण कर दिया जाएगा। समितियों में राशि आहरण के लिए "माइक्रो एटीएम' की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी।

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8 लाख बारदाने की जरूरत

धान खरीदी के लिए कुल 8 लाख गठान बारदाने की जरूरत होगी। समितियों में धान की सुरक्षा और अन्य उपायों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं खरीदी के साथ धान के उठाव और रखरखाव के संबंध में पूरी जानकारी समितियों को देनी होगी। मार्कफेड द्वारा इसके लिए 4.02 लाख गठान नए बारदाने जूट कमिश्नर के जरिए खरीदी की है। साथ ही पीडीएस और पुराने बारदाने के माध्यम से खरीदी की जा रही है। सभी समितियों में धान की तौलाई के बाद बारदाने में भरकर रखा जा रहा है।

खरीदी की लिमिट तय

धान खरीदी को लेकर मार्कफेड ने समितियों में खरीदी की लिमिट तय की है। उसके तहत ही छोटे और सीमांत किसानों को अधिकतम दो टोकन और बड़े किसानों को तीन टोकन दिए जाएंगे। किसानों का धान खरीदी से पहले पंजीकृत किसानों की एंट्री का मिलान किया जा रहा है, जिसमें रकबा और बी-1 अनुसार खरीदी की मात्रा तय होगी। धान खरीदी की प्रक्रिया बिना किसी परेशानी के पूरी करने के लिए सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

बोगस खरीदी रोकने बनी टीम

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के निर्देश पर धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में जिला कलेक्टरों के साथ संभाग स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। धान खरीदी केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है। 

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