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छत्तीसगढ़ में धान के उठाव को लेकर आ रही समस्या के बीच राइस मिलर्स ने सरकार से बातचीत कर सहमति जताते हुए धान का उठाव और कस्टम मिलिंग जारी रखने का निर्णय लिया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव न होने के कारण केन्द्रों में जाम की स्थिति है। जिसके कारण किसानों को धान बेचने में दिक्कत का समाधान करना पड़ रहा है। समस्या से निपटने के लिए सीएम साय ने लघु उद्योग भारती एवं भारतीय किसान संघ के और राइस मिल एसोसिएशन के साथ बैठक की। इस दौरान राइस मिलर्स धान का उठाव और कस्टम मिलिंग जारी रखने पर सहमति बनी। 

राइस मिलर्स खरीदी केन्द्रों से उठाएंगे धान 

राइस मिलर्स ने धान खरीदी केन्द्रों से धान का नियमित रूप से उठाव करने और कस्टम मिलिंग जारी रखने का निर्णय लिया है। इस दौरान मिलर्स के बीते वर्षों के बकाया राशि का जल्द ही भुगतान के आश्वासन के साथ अन्य मांगों का हल निकाला गया। वहीं इस बैठक के बाद धान खरीदी केन्द्रों से मिलर्स लगातार धान का उठाव करेंगे। साथ ही तेजी से कस्टम मिलिंग कर अपने-अपने हिस्से का चावल भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करेंगे। 

14 नवंबर से जारी है धान खरीदी 

गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में 14 नवम्बर से समर्थन मूल्य पर किसानों से धान उपार्जन किया जा रहा है। उपार्जन केन्द्रों में बड़ी मात्रा में धान की आवक हो रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राइस मिलर्स के लंबित राशि का जल्द भुगतान करने का निर्णय लिया गया। राइस मिलर्स ने शासन के इस फैसले पर सहमति जताते हुए केन्द्रों से धान का उठाव और मिलिंग करने की सहमति दी है, जिसके चलते उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव तेजी से होगा और किसानों को धान बेचने में दिक्कत नहीं आएगी। 

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