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पांडातराई महाविद्यालय में जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत ऐतिहासिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

पांडातराई। आज अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय महाविद्यालय पांडातराई में जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत ऐतिहासिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करना है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रेमसिंह टेकाम (सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोदवागोड़ान) उपस्थित थे। आसकरण धुर्वे (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ, जिला कबीरधाम) और सचिन धुर्वे (सामाजिक कार्यकर्ता) ने विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यशाला की शोभा बढ़ाई।  मुख्य वक्ता सीताराम धुर्वे (शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता) ने जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत, उनके सामाजिक जीवन, आध्यात्मिक योगदान और सांस्कृतिक परंपराओं पर विस्तार से विचार साझा किए।  कार्यक्रम में सचिन गुप्ता (जिला महामंत्री, BJYM),  तुकेश चन्द्रवंशी (जिला उपाध्यक्ष, BJYM), महाविद्यालय के पूर्व छात्र तुषार चंद्रवंशी (प्रदेश सहमंत्री, ABVP छ.ग.) एवं जनजातीय समाज से रोहित कुमार धुर्वे, देवन धुर्वे, देवचरण धुरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।  

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कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं प्रमुख गतिविधियाँ  

कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभागाध्यक्ष एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ. द्वारिका प्रसाद चंद्रवंशी ने की। इस कार्यशाला के संयोजक रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार त्यागी एवं सहसंयोजक वाणिज्य विभागाध्यक्ष श्री शिवराम सिंह श्याम रहे।  कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा भारत माता एवं जनजातीय नायकों जैसे रानी दुर्गावती, शहीद वीर नारायण सिंह और भगवान बिरसा मुंडा के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ, पीला गमछा एवं कलगी से किया गया।  प्रमुख वक्ता श्री सीताराम धुर्वे ने जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत और उनके ऐतिहासिक एवं सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे जनजातीय नायकों ने अपने समाज की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखा है।  विशिष्ट अतिथि श्री आसकरण धुर्वे ने जनजातीय समाज की रुढ़ियों, संवैधानिक अधिकारों और उनके आदिवासी राजाओं की दानशीलता पर अपने विचार रखे। मुख्य अतिथि श्री प्रेमसिंह टेकाम ने आदिवासी समाज के ऐतिहासिक संघर्षों और अंग्रेजों के खिलाफ उनकी भूमिका को रेखांकित किया।  

Tribal society history told through folk dances and songs in AB Vajpayee College

लोकगीत एवं लोकनृत्य की प्रस्तुति

महाविद्यालय की छात्राओं ने जनजातीय समाज से संबंधित लोकगीत और लोकनृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।  इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के अतिथि व्याख्याता सुश्री टिंकेश्वरी केसरी, श्रीमती पूर्वा गुप्ता,  बुद्धदेव सिंगरोल, सूरज ओगरे, डॉ. राजकुमार वर्मा, डॉ. गोविंद सिंह ठाकुर, अजय कुमार वर्मा, जागेश्वर वर्मा,  सूर्यभान सिंह धुर्वे एवं समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे। विद्यार्थियों में तुलसी यादव, बिरेंद्र बघेल, खेमलाल साहू, गोपाल जायसवाल, अजय साहू, ईश्वरु साहू, मुन्ना साहू, युगल सोनी, खुशी लहरे समेत कई ऊर्जावान छात्र-छात्राओं ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया।  कार्यक्रम के समापन पर सभी ने जनजातीय समाज के योगदान और उनके गौरवशाली इतिहास को नमन करते हुए इस कार्यशाला की सफलता की सराहना की।

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