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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले से बिलासपुर को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की हालत इन दिनों बेहत खराब है। यहां रोजाना एक दर्जन से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। 

आकाश पवार- पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले को संभागीय मुख्यालय बिलासपुर से जोड़ने वाली मुख्य सड़क की हालत इन दिनों जर्जर है। यहां रोजाना दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। सड़क से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले से अचानकमार टाइगर रिजर्व होते हुए मार्ग करीब तीन सालों से बंद कर दिया गया है। ऐसे में केंदा और रतनपुर होते हुए बिलासपुर और रायपुर जाने के लिये एकमात्र मार्ग आरएमकेके रोड है। जिले की सीमा के अंतर्गत कारीआम तिराहे से केंदा तक जिसमें बंजारी घाट का भी हिस्सा आता है। यहां इतने विशालकाय गड्ढे हो गये हैं कि, छोटी कार और बाइक तक बड़ी मुश्किल से निकलते हैं। 

प्रदेश के साथ ही एमपी से जोड़ने वाली भी एकमात्र सड़क 

दरअसल, ये सड़क जबलपुर- बिलासपुर नेशनल हाईवे के अंतर्गत आती है। मध्यप्रदेश को जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, जांजगीर, कोरबा, कोरिया और दूसरे जिलों को मध्यप्रदेश के शहडोल, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर और अन्य जिलों को जोड़ता है। सड़क का ये हिस्सा जबलपुर बिलासपुर नेशनल हाईवे के अंतर्गत आता है और इसके चलते स्थानीय लोकनिर्माण विभाग इस पर काम नहीं कर रहा और सड़क बनाना तो दूर इन गड्ढों को भी पाटने तक का काम नहीं कर पा रहे हैं। 

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NH भी कर रहा अनदेखी

वहीं नेशनल हाईवे के अधिकारी भी इसकी अनदेखी कर रहे हैं। मध्यप्रदेश आने जाने वाले वाहनों से राहगीर छत्तीसगढ़ की सीमा में घुसते ही यहां के लोकनिर्माण विभाग और नेशनल हाईवे को कोसते हुए नजर आते हैं।  

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