बालोद। एनजीटी ने छत्तीसगढ़ के 122 तालाबों में कब्जे बताए हैं। हरिभूमि उनकी लगातार असलियत उजागर कर रहा है। लेकिन इससे इतर भी खबरें आ रही हैं। पूरे छत्तीसगढ़ में सैकड़ों तालाब ऐसे हैं जहां कब्जा हुआ है। ऐसा ही बालोद में है ।एनजीटी की लिस्ट में भले ही तालाबों का जिक्र नहीं है लेकिन पालिका बालोद क्षेत्र में करीब दर्जन भर क्रमांक 17 में स्थित कुंडी व बरेज पांचवीं किस्ट तालाब में वार्डवासियों ने अतिक्रमण कर घर बनाए हैं। तालाब के पानी में घर का कुछ हिस्सा डूबा हुआ है, वहीं पानी में डूबे होने के कारण मकान की दीवार पर दरारें पड़ गई हैं जिससे जान माल के नुकसान का अंदेशा बना हुआ है।
शहर के कुंडी व बरेज तालाब में वार्डवासियों द्वारा अतिक्रमण कर मकान बना रहे हैं। इससे तालाब का क्षेत्रफल सिमटते जा रहा है। यही स्थिति रही तो दोनों ही तालाब का नामोनिशान मिट जाएगा और तालाब के जगह घर नजर आएंगे। हरिभूमि ने शहर के दर्जन भर तालाबों की पड़ताल की, जिसमें शिकारी पारा स्थित कुंडी व बरेज दोनों ही तालाब में वार्डवासियों द्वारा अतिक्रमण करने के कारण स्थिति बेहद खराब है।
इन तालाबों की स्थिति है बेहतर
शहर के दशोंदी तालाब, आमा तालाब, दशहरा तालाब, काशिबन तालाब, लाला तालाब, रिठिया तलाब, पाररास तालाब, बूढ़ादेव तालाब, कुन्दरूपरा अटल आवास तालाब की स्थिति बेहतर है, क्योंकि इन तालाबों के चारों ओर नगर पालिका ने बाउंड्रीवाल बनवाई हैं। जिसके कारण इन तालाबों में अतिक्रमण नहीं हुआ है, जबकि कुंडी व बरेज तालाब में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसके चलते वार्डवासी अतिक्रमण कर रहे हैं।
जिम्मेदारों ने बरती लापरवाही
लापरवाही नगर पालिका प्रशासन की है, क्योंकि पालिका प्रशासन द्वारा शहर के लगभग सभी तालाबों के चारों ओर बाउंड्रीवाल कर नाली बनवाई गई है, ताकि वार्डवासियों द्वारा तालाब में अतिक्रमण न कर सकें, लेकिन कुंडी व बरेज तालाब में बाउंड्रीवाल नहीं बनाया है और न ही तालाब के चारों ओर नाली का निर्माण किया गया है। ऐसे में तालाब जब सूखने की कगार पर होता है, तो वार्डवासी अपने घर के ठीक पीछे तालाब के कुछ हिस्सों को कब्जा कर लेते हैं।