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नगरनार इलाके में लगे प्रबंधन के खिलाफ 10 पंचायतों के भू प्रभावित किसानों ने प्रदर्शन करने का मन बना लिया है। दूषित पानी से सैकड़ों एकड़ फसल तबाह हो रही है। 

जीवानंद हलधर-बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर के सपनो का कारखाना कहा जाने वाला प्लांट किसानों के लिये मुसीबत साबित हो रहा है। जिले के नगरनार इलाके में लगे एनएमडीसी प्रबंधन के खिलाफ अब 10 पंचायतों के भू प्रभावित किसानों ने प्रदर्शन करने का मन बना लिया है। प्लांट से निकलने वाले जहरीले काले दूषित पानी से सैकड़ो किसान परेशान हैं। अपनी जमीन देने के बाद भी स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है। 

बाहर प्रदेशों से आये लोगों को प्रबंधन रोजगार देने में लगा हुआ है। इन्हीं सब बातों को लेकर नगरनार इलाके के कई सरपंच और उप सरपंचों ने एनएमडीसी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल कर आंदोलन करने की ठान ली है। इसके लिये इलाके से पहुचे जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से मिल कर सभी समस्याओ से अवगत कराया है। अपनी लिखित शिकायत के रूप में ज्ञापन भो सौपा है। 

प्रबंधन नहीं दे रहा है काम 

नगरनार से पहुचें सरपंच व प्रभावित किसानो ने बताया कि, प्लांट से निकालने वाला काला ज़हरीला दूषित पानी से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल तबाह हो रहे हैं। लेकिन प्रबंधन इस बारे में सुनने को तैयार भी नही है। साथ ही प्लांट को अपनी जमीन देने के बाद भी परिवहन से लेकर अन्य मज़दूरी पर भी बाहर के लोगो को दिया जा रहा है। जबकि इलाके के 10 पंचायत के पढ़े लिखे युवक बेरोजगार है। उन्हें काम देने से प्रबंधन आना कानी कर रहा है।  

प्लांट में ताला बंदी कर करेंगे विरोध 

इन्ही सब बातों और समस्याओ को लेकर अब आसपास के सभी पंचायतों के प्रतिनिधियों में भूख हड़ताल करने और प्लांट में ताला बंदी कर अपना विरोध जताने वाला है। 5 जून से लेकर 7 जून तक प्रबंधन के खिलाफ किसान भुख हड़ताल करेंगे और 8 जून को वे सभी प्लान्ट में ताला लगा देंने की चेतावनी भी दी है। इधर जिला प्रशासन ने कहा कि, नगरनार इलाके में किसानों ने ज्ञापन दिया है। प्रशासन जल्द ही प्रबंधन से चर्चा कर किसानों को राहत पहुंचाने में मदद करेगा।

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