रायपुर। छत्तीसगढ़ ने रोजगार हासिल करने के मामले में देशभर में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में पीरियोडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे (PLFS) ने रिपोर्ट जारी की है। जारी रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ को सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में पांचवां स्थान मिला है। राज्य में चल रहे रोजगार सृजन और विकास प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ अब उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ चुका है।
दरअसल देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लेबर सहभागिता रेट राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसी तरह कुल आबादी में काम करने वालों की संख्या यानी वर्कर जनसंख्या का रेश्यों देखें तो सिक्किम सबसे ऊपर है। छत्तीसगढ़ दुसरे स्थान पर है। छह साल की बेरोजगारी दर देखें तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सबसे कम गिरावट आई है। वहीं दिल्ली में सबसे ज्यादा कमी आई है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) ने पीएलएफएस के लिए नमूना सर्वेक्षण और डेटा संग्रह का कार्य किया जाता है।
PLFS रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ पांचवे नंबर पर
पीरियोडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे (PLFS) की रिपोर्ट ने देशभर के विभिन्न राज्यों में बेरोजगारी के आंकड़ों भी दर्शाया गया है। छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा लोग कोई न कोई काम करते है। इस सूची में गुजरात दुसरे और महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है। रिपोर्ट के अनुसार, केरल में बेरोजगारी दर सबसे अधिक रही, जहां 15-29 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी दर 29.9% दर्ज की गई। केरल में महिलाओं में बेरोजगारी दर 47.1% और पुरुषों में 19.3% रही। इसके अलावा, लक्षद्वीप में बेरोजगारी दर सबसे अधिक 36.2% दर्ज की गई। छत्तीसगढ़ को देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में पांचवां स्थान मिला है।
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आधुनिक शिक्षा और कौशल विकास पर जोर
छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा और कौशल विकास को रोजगार सृजन के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में माना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास करें। जिससे वे नए उद्योगों में काम करने के लिए तैयार हो सकें। राज्य में कई कौशल विकास केंद्र खोले गए है। जहां युवाओं को आधुनिक तकनीकों और कौशलों की शिक्षा दी जा रही है।
विकास और पीएम मोदी का विज़न
छत्तीसगढ़ अब रोजगार सृजन और विकास के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों के कारण पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को भी साकार हो रहा है। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के जरिए सरकार ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। पीएम मोदी ने जिस प्रकार देश के हर कोने में विकास और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार उसी दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।