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किसानों की फसलों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी पटवारियों को सौंपी गई है। फसल के साथ वे अपनी लाइव फोटो खींचकर उसे विभाग के पीवी एप में अपलोड कर रहे हैं।

रायपुर। किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी नवंबर से शुरू होने जा रही है। इसके पूर्व किसानों की फसलों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी पटवारियों को सौंपी गई है। इसके तहत पटवारी द्वारा गिरदावरी के अनुसार जिस खसरा नंबर भूमि पर धान बोया गया है, वहां जाकर फसल के साथ वे अपनी लाइव फोटो खींचकर उसे विभाग के पीवी एप में अपलोड कर रहे हैं।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फसलों का भौतिक सत्यापन करने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला जहां गिरदावरी के दौरान किए गए कार्य का सत्यापन होगा, वहीं दूसरा धान उपार्जन के दौरान धान री- साइकलिंग को नियंत्रण किया जा सकेगा।

11 लाख खसरों में 50 हजार का किया जाएगा सत्यापन

गिरदावरी के अनुसार,  रायपुर जिले में खरीफ वर्ष 2024-25 में 11 लाख खसरों की जमीनों पर धान की बोवाई की गई है, जिनका 5 प्रतिशत यानी 50 हजार खसरों की फसलों का भौतिक सत्यापन किया जाना है। विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। इसके लिए विभाग ने पीवी एप बनाया है। इस एप के जरिए पटवारी को चयनित गांव में जाकर फसल का भौतिक सत्यापन करना है।

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पटवारी को भौतिक सत्यापन के लिए चयनित गांव में जाकर एप के जरिए खसरा नंबर की फसल का अलग-अलग कोण से अपनी फोटो के साथ दो फोटो खींचनी है। इन फोटो को गांव के नाम के साथ एप में अपलोड करना है।

भौतिक सत्यापन में बरती जा रही सावधानी

भौतिक सत्यापन कराने में विभाग द्वारा खासा सावधानी बरती जा रही है। इसके लिए पटवारियों को उनके गांव क्षेत्र की जगह दूसरे गांव क्षेत्र के खसरा फसलों का सत्यापन कराया जा रहा है ताकि गिरदावरी के दौरान अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही बरती गई है तो भौतिक सत्यापन में इसका पता चल सके।

31 तारीख तक करना है सत्यापन

रायपुर जिला खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि, जिले में करीब 11 लाख खंसरों में धान की बोवाई हुई है। इनमें 5 प्रतिशत खसरों की फसलों का पटवारियों द्वारा भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन काम 31 अक्टूबर तक किया जाना है।

 

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