गरियाबंद। जिला मुख्यालय गरियाबंद में 16 हजार की आबादी वाले नगर पालिका क्षेत्र में निस्तारी के लिए चार तालाब शासन के रिकार्ड में है, जिसमें छिंद तालाब, देवरनीन तालाब, नया तालाब और माहरीन ड़बरी प्रमुख हैं। शहर के बीचों बीच इन सभी तालाबों में एक अरसे से जमकर अतिक्रमण हुए हैं। नगर के देवरनीन तालाब में अतिक्रमण के चलते तालाब का अस्तित्व खत्म हो रहा है। तालाब में बेतरतीब कब्जे हुए हैं। शासन के रिकार्ड में 19 एकड़ में यह तालाब फैला हुआ है। यहां हुए अतिक्रमण और पालिका प्रशासन की उदासीनता के चलते देवरनीन तालाब का अस्तित्व समाप्त हो चुका है।
अंतिम संस्कार भी प्रभावित
नगर में किसी की मृत्यु होने पर मौत मिट्टी का कार्यक्रम इसी तालाब में होने की परंपरा है, पर लोगों को यहां मृत्यु संस्कार कार्यक्रम के लिए जरूरी पानी नहीं नसीब होता है। इस तालाब में सौंदर्गीकरण करने के नाम पर जरूर राजनीति होती है। इस तालाब का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म हो चुका है। इतने बड़े आबादी के शहर में लोगों को निस्तारी के लिए जूझना पड़ता है।
आधा रह गया नया तालाब, अतिक्रमण के कारण सौंदर्याकरण भी रुका
शासन के रिकार्ड में नगर के नया तालाब 10 एकड़ में फैला हुआ है। अतिक्रमण के चलते नया तालाब की सूरत ही बदल गई है। बमुश्किल से नया तालाब 5 एकड़ में सिमट कर रह गया है। बीते दिनों नया तालाब का सौन्दर्यकरण कार्य प्रारंभ हुआ था, नया तालाब नगर पालिका और ग्राम पंचायत आमदी (म) की सीमा क्षेत्र में है। शासन ने एक करोड़ की लागत से नया तालाब में सौन्दर्याकरण की स्वीकृति मिली है, लेकिन अतिक्रमण हटाने अब तक किसी ने पहल नहीं की। यहां बताना लाजिमी होगा कि नया तालाब में पिछले 10 वर्षों से निस्तारी पूर्णतः बंद है, जिसका मुख्य वजह नया तालाब जलकुंभी से अटा पड़ा है, तालाब का पानी दुषित हो चुका है। जिसके चलते नगरवासियों संहित ग्राम पंचायत आमदी (म) के लोगों को निस्तारी के लिए परेशानी का सामना करते आ रहे हैं। नया तालाब नगर पालिका और ग्राम पंचायत आमदी (म) के अधीन है, जिसका 4.05 हेक्टेयर आमदी (म) तथा 2.16 हेक्टेयर नगर पालिका में है, कुल 621 हेक्टेयर में यह तालाब फैला है।
चुनावी वायदे तक सिमट गया तालाब का रखरखाव
रावणभांठा के तालाब से 50 कदम की दूरी पर मुक्ति धाम है, लोग क्रियाकर्म के बाद लोग वहीं स्नान करने पहुंचते हैं, लेकिन तालाब पूरी तरह सूख जाने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कलेक्ट्रेट से महज 500 मीटर की दूरी है, जहां रावणभांठा वार्ड के लोग वर्षों से तालाब की समस्या से जूझ रहे हैं।समस्या से निजात दिलाने वाला कोई नहीं नगर पालिका चुनाव से पहले बड़े बड़े वादे किए गए थे कि जीतने के बाद तालाब का सौन्दर्गीकरण करेंगे, नाली की सफाई और पानी की सभी समस्या को दूर करेंगे, पर सब तो चुनाव जीतने तक ही सीमित रह गया। यहां के लोगों ने बताया कि पालिका में कई बार आवेदन भी दे चुके हैं, उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है।