बिलासपुर। तखतपुर ब्लाक के ग्राम पोंड़ी की 55 एकड़ सरकारी जमीन को तीन निजी लोगों के नाम पर चढ़ा दिए जाने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एक नए मामले में जानकारी मिली है कि पिछले तीन सालों से इसका धान पंजीयन कराते हुए दूसरे जिलों के किसान बेच भी रहे थे। एसडीएम तखतपुर ज्योति पटेल ने मामले में सहकारी बैंक से इसकी जानकारी लेने की बात कही है। इसके साथ ही भाटापारा आईडीएफसी बैंक से लोन की पूरी जानकारी मांगी गई है।
इसमें लोन के लिए किसने आवेदन किया, कब किया, स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के साथ ही लोन किस मद से दिया गया है, इसकी जानकारी मांगी गई है। एसडीएम की ओर से एनआईसी को भी पत्र लिखते हुए आनलाइन रिकार्ड चढ़ाए जाने और बाद में डिलिट किए जाने के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है।। सबसे खास बात रही कि यह पूरी जमीन आनलाइन ही निजी हुई। पटवारी के रजिस्टर या मैन्यूअली कोई बदलाव नहीं किया गया जिससे की कोई पकड़ा ना जा सके। ग्रामीणों ने जब पूछताछ शुरू की तो एकाएक आनलाइन रिकार्ड से सभी का नाम हट गया और जमीन फिर सरकारी हो गई।
शिवरीनारायण के युवक के नाम पर लोन
हरिभूमि ने इसकी पड़ताल की तो पाया कि शिवरीनारायण करनोद गांव के निवासी ने तखतपुर गनियारी तहसील के ग्राम पोड़ी की सरकारी जमीनों को ऑनलाइन बी वन में अपना नाम चढ़वा कर बड़ा खेला कर दिया है। ध्यान रहे कि शिवरीनारायण कनोद गांव और गनियारी पोड़ी की दूरी लगभग 100 किलोमीटर की है। वहीं करनोद गांव का हेमंत कुमार पिता लखनलाल ने आईडीएफसी भाटापारा ब्रांच से साढ़े उन्नीस लाख का रुपए का केसीसी लोन ले लिया है।
कलेक्टर को सौंप दी जाएगी रिपोर्ट
तखतपुर के एसडीएम ज्योति पटेल ने बताया कि जांच जारी है। दो-तीन दिन में रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी जाएगी। भाटापारा आईडीएफसी बैंक से लोन की पूरी जानकारी मांगी गई है। इसमें लोन के लिए किसने आवेदन किया, कब किया, स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के साथ ही लोन किस मद से दिया गया है, इसकी जानकारी मांगी गई है। एनआईसी को भी पत्र लिखते हुए आनलाइन रिकार्ड चढ़ाए जाने और बाद में डिलिट किए जाने के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है।