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एक गरीब किसान के बेटे प्रमोद देवांगन ने यूपी पीएससी की लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा को पास कर उच्च शिक्षा विभाग में ग्रंथपाल बन गए हैं। प्रमोद के पिता एक गरीब किसान हैं और वे गांव में छोटे सी साइकिल दुकान में पंचर बनाकर घर खर्चा चलाते हैं। 

कुश अग्रवाल-पलारी। कहते हैं कि, जब मन में दृढ़ इच्छाशक्ति और अपने लक्ष्य के प्रति जूनून हो तो विपरित परिस्थितियां भी आपको सफल होने से नही रोक सकती। इस कथन को चरितार्थ कर दिखाया है अंचल के एक पंचर बनाने वाले के बेटे ने। एक गरीब किसान के बेटे प्रमोद देवांगन ने यूपी पीएससी की लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा को पास कर लिया है।

विगत दिनों यूपी पीएससी द्वारा लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी किया गया। जिसमें प्रदेश से इकलौते प्रमोद कुमार ने सफलता अर्जित की। उनका चयन यूपी के उच्च शिक्षा विभाग में ग्रंथपाल (राजपत्रित अधिकारी) के रूप में हुआ है। नगर के समीपस्थ ग्राम सकरी निवासी प्रमोद ने स्कूल व कालेज स्तर की पढ़ाई सरकारी संस्थान व हिन्दी माध्यम से की है। उसके बाद लाइब्रेरी एंड इंर्फाेमेशन साइंस में एमलिब की डिग्री लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी मे जुट गए। प्रमोद कहते है कि, गांव के प्राथमिक स्कूल की पढ़ाई अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की, ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई हिंदी माध्यम से करने के बाद अंग्रेजी माध्यम में तैयारी के लिये कड़ी मेहनत एवं लगन की जरूरत थी। प्राइवेट जॉब करने के बाद जो भी समय मिलता वे पढ़ते थे। 

प्रमोद देवांगन बने उच्च शिक्षा विभाग में ग्रंथपाल
प्रमोद देवांगन बने उच्च शिक्षा विभाग में ग्रंथपाल

साइकिल दुकान में पंचर बनाते है पिता

प्रमोद देवांगन के पिता एक गरीब किसान है, वे गांव के छोटे से साइकिल दुकान में पंचर बनाकर घर खर्चा चलाते रहे हैं। घर में प्रमोद के माता-पिता और उनसे दो छोटे भाई भी हैं। प्रमोद के पिता के पास सिर्फ जरूरत के हिसाब से बहुत ही कम खेती बाड़ी है। इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने अपने बेटे को पढ़ने लिखने से कभी मना नही किया। प्रमोद ने भी अपनी पढ़ाई को निरन्तर जारी रखने व स्वयं के जेब खर्च हेतु बारहवीं के बाद से कई जगहों पर कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करते हुए पहले ग्रेजुऐशन किया। उसके बाद लाइब्रेरी साइंस में रूचि होने के चलते इसी विषय बिना किसी कोचिंग के मदद लिए यूजीसी नेट सेट एवं जेआरएफ जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा उत्तीर्ण की ।

शुरू में रहा एवरेज स्टूडेंट मगर कड़ी मेहनत से मिली सफलता

प्रमोद ने आगे बताया कि, वह पढ़ाई में शुरू से एक एवरेज स्टूडेंट ही रहा है और कभी किसी कक्षा में टॉप नही किया। लेकिन जैसे-तैसे आगे की शिक्षा हासिल करते गए पढ़ाई के प्रति उनकी रूचि व लगन बढ़ती गई और सही मार्गदर्शन मिलने के बाद वे कड़ी मेहनत करते हुए लाइब्रेरियन बनने का लक्ष्य लेकर निरंतर इसकी तैयारी मे जुट रहे और सफल भी हो गए। फिलहाल वह अभी पंडित रविशंकर शुक्ल विवि में लाइब्रेरी एंड इर्न्फोमेशन साइंस विषय से पीएचडी कर रहे है। उन्होंने आगे कहा कि, इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता सहित शासकीय डीके महाविद्यालय और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभी गुरूजनो, प्रेरणास्त्रोत लाइब्रेरियन शैलेन्द्र सिंह कुशवाहा व एसएम पाध्ये सर तथा अपनी कड़ी मेहनत को दिया है।

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