रायपुर। नवा रायपुर से धमतरी के बीच छोटी रेल लाइन पर बड़ी पटरी बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। वर्तमान में मंदिर हसौद से नवा रायपुर तक 21 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने का काम रेलवे ने पूरा कर लिया है। रेलवे बोर्ड की ओर से ट्रेन चलाने सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है। जानकारी के मुताबिक रायपुर मंडल की ट्रेनों की साफ-सफाई और मेंटेनेंस करने रेलवे अब केंद्री स्टेशन में कोचिंग डिपो बना सकता है। मंडल के अधिकारियों का कहना है कि राजधानी के मुख्य स्टेशन में मंडल की गाड़ियों को खड़ी करने और साफ-सफाई के लिए जगह नहीं है।
वर्तमान में ट्रेनों का मेंटेनेंस दुर्ग और बिलासपुर डिपो में होता है। इसके अलावा मंडल की कुछ गाड़ियां दुर्ग से रायपुर आती हैं। मंडल में कोचिंग डिपो बनाने को लेकर लंबे समय से जगह की तलाश की जा रही है। अब केंद्री स्टेशन में कोचिंग डिपो बनाने की तैयारी चल रही है। भविष्य में यहीं से मंडल की ट्रेन मुख्य स्टेशन के लिए रवाना होगी। वर्तमान में केंद्री स्टेशन बनकर तैयार हो चुका है, जबकि अभनपुर और नया रायपुर व मुक्तांगन स्टेशन में कार्य जारी है।
ट्रेनों को खड़ी करने मिलेगी जगह
गरीब रथ और सिकंदराबाद एक्सप्रेस रायपुर मंडल की ट्रेन है, जो रायपुर से रवाना होती है। वर्तमान में ट्रेन के रायपुर पहुंचते ही प्लेटफार्म में ही सफाई होती और पानी भरकर रवाना किया जाता है। डिपो बनाने के बाद मंडल की इन ट्रेनों की सफाई और बेहतर होने लगेगी। इसके अलावा केंद्री में डिपो बनने से मंडल की जो ट्रेन दुर्ग से रायपुर आती है, वह सीधे केंद्री जाएगी। दुर्ग से रायपुर आने में ट्रेनों को 45 मिनट का समय लगता है, जो केंद्री से रायपुर आने में 20 से 25 मिनट ही लगेगा। केंद्री से ट्रेन रवाना होगी, तो उस रूट के यात्रियों को भी लाभ मिलेगा। वर्तमान में नया रायपुर रूट में लोकल ट्रेन चलाने की योजना है।
मंजूरी के बाद आगे बढ़ेगा काम
मंडल के अधिकारियों का कहना है, डिपो बनाने को लेकर तैयारी फिलहाल कागजों पर नहीं है। पहले प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा जाएगा, मंजूरी मिलने की स्थित में कार्य होगा। वर्तमान में नया रायपुर में ट्रेनों का परिचालन शुरू होने पर अभी लगभग 2 साल और लग सकता है। 50 फीसदी ही स्टेशन का निर्माण कार्य हुआ है। नया रायपुर समेत तीन अन्य स्टेशनों का निर्माण कार्य 2020 तक एनआरडीए को पूरा कर रेलवे को देना था, लेकिन फंड की कमी और एजेंसी की लेटलतीफी के कारण यह प्रोजेक्ट हर साल पिछड़ता गया। केंद्री का रेलवे स्टेशन रेलवे को करना था, जिसे रेलवे ने पूरा कर लिया है। अब धमतरी तक पटरी बिछाने का काम तेजी से कर रहा है।