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जंगल सफारी में व्हाइट टाइगर का कुनबा बढ़ाने के लिए भिलाई के मैत्री बाग से सफेद बाघिन रक्षा को लाने की तैयारी है। 

रायपुर।  जंगल सफारी में सफेद शेर का कुनबा बढ़ाने मैत्रीबाग से शेरनी रक्षा लाई गई है। उसके बदले यहां से जया को मैत्रीबाग भेजा गया है। अफसरों का कहना है कि जंगल सफारी की रौनक बढ़ाने यह जरूरी है। सीजेडए की अनुमति के बाद अदला-बदली की गई है। गौरतलब है, जंगल सफारी में वर्तमान में 11 बाघों का कुनबा है, उनमें से एक महीने एक बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है, इसके बाद बाघों की संख्या 11 से 14 हो गई है। सफारी में देव तथा जया नाम के दो व्हाइट जोडा व्हाइट टाइगर है।

White tiger
White tiger

सफारी में पिछले टाइगर हैं। दोनों व्हाइट टाइगर एक ही मां के हैं। इसके कारण दोनों का आपस में क्रास करने से जेनेटिक समस्या हो सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जंगल सफारी तथा मैत्रीबाग में जया तथा रक्षा नाम की मादा व्हाइट टाइगर की अदला-बदली की गई।जंगल सफारी प्रबंधन के मुताबिक सीजेडए की अनुमति मिलने के बाद व्हाइट टाइगर की अदला बदली की गई है। जंगल सफारी से मैत्रीबाग शिफ्ट किए गए व्हाइट टाइगर की उम्र साढ़े पांच तथा मैत्री बाग से लाए गए व्हाइट टाइगर की उम्र छह वर्ष के करीब है। मैत्री बाग से लाए गए मादा बाघ को अभी अलग से पिंजरे में रखा गया है। रक्षा का अभी देव के साथ मिलन नहीं कराया गया है।

पहले कराएंगे दोस्ती

सफारी प्रबंधन के मुताबिक दोनों बाघों का अभी मिलन नहीं कराया गया है। इसकी वजह आपसी संघर्ष मेंबाघ एक दूसरे को चोटिल कर सकते हैं। इसके लिए दोनों बाघों की पहले दोस्ती कराई जाएगी। दोनों बाघ आपस में एक दूसरे को पहचान लेंगे, इसके बाद दोनों का एक दूसरे के साथ मेटिंग कराया जाएगा।

जेब्रा लाने की योजना अटकी

जंगल सफारी में एक वर्ष पूर्व दक्षिण अफ्रीका नामिबिया के जू से जेब्रा लाने का प्लान तैयार किया गया है। जेब्रा लाने सफारी प्रबंधन को अनुमति मिल भी गई है। सूत्रों के मुताबिक जेब्रा लाने नामिबिया जाने सफारी प्रबंधन से जुड़े अफसर, डॉक्टर तथा वन मुख्यालय में खींचतान की स्थिति निर्मित हो गई है। इस वजह से नामिबिया से जेब्रा लाने की योजना फाइलों में दबकर रह गई है।

इसलिए मादा बाघ की अदला- बदली

मादा बाघ की अदला बदली करने की वजह मादा बाघ नए स्थान में भी आसानी से घुल मिल जाती है। नई जगह जाने पर नर बाघ को एडजस्ट होने में समय लगता है। वन्यजीव जानकारों के मुताबिक इसीलिए नर की जगह माद बाघ की अदली-बदली की गई है। सफारी प्रबंधन के मुताबिक मैत्री बाग से लाई गई व्हाइट टाइगर महज एक दो दिन में जू कीपर को पहचानने लगी है।

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