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डोंगरगढ़ में स्थापित रेलवे की लाबी को एक बार फिर गोंदिया और कलमना शिफ्ट करने की तैयारियां शुरू हो गयी है। 

सचिन अग्रहरि - राजनांदगांव। आजादी के बाद से डोंगरगढ़ में स्थापित रेलवे की लाबी को एक बार फिर गोंदिया और कलमना शिफ्ट करने की तैयारियां शुरू हो गयी है।  पिछले अप्रैल माह में दिल्ली में आयोजित रेलवे बोर्ड की बैठक में इस आशय का निर्णय लिए जाने के बाद यहां निवासरत करीब छह सौ रेल्वे कर्मियों पर संकट के बादल गहरा गए है वहीं डोंगरगढ़ के व्यापार के बेहद प्रभावित होने के आसार भी दिखाई दे रहे है। उल्लेखनीय है कि सन 1950 से डोंगरगढ़ को रेलवे के एक बड़े सेंटर के रूप में विकसित किया गया था। यहां वाशिंग लाईन, रेल पार्सल, गार्ड लॉबी, कैरेज, वैगन शेड, डीजल शेड के साथ -साथ लोको सेंटर भी संचालित रहा है। डीजल इंजन के बंद होने के बाद से डोंगरगढ़ में स्थापित रहे कई संसाधन और स्टाफ को नागपुर शिफ्ट कर दिया गया।

वर्तमान में यहां रेलवे की लाबी संचालित की जा रही है। जिसके चलते करीब छह सौ कर्मचारी डोंगरगढ़ में निवास करते है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में पिछले 18 एवं 19 अप्रैल माह में आयोजित रेलवे बोर्ड की बैठक में डोंगरगढ़ की लाबी को कलमना और गोंदिया शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से अब डोंगरगढ़ में निवासरत रेलवे कर्मियों में संकट के हालात निर्मित हो गए है। बताया जाता है कि इंजन के लोको पायलट डोंगरगढ़ से ही चेंज होते है। ऐसी स्थिति में सैकड़ों कर्मियों के परिवार यहीं निवासरत है। जिसके चलते डोंगरगढ़ शहर व्यापार की दृष्टि से भी बेहद मजबूत है लेकिन रेलवे की लाबी को कलमना और गोंदिया शिफ्ट किए जाने की तैयारियों के बीच ही अब व्यापारियों में भी आक्रोश की स्थिति निर्मित हो रही है।

कई साल से चल रही कोशिशें

डोंगरगढ़ से रेलवे की लाबी को हटाने के लिए पिछले कुछ सालों से रेलवे के अधिकारियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है। पिछले छह माह पहले भी इस तरह की कवायद शुरू हुई थी। जब डोंगरगढ़ के व्यापारियों ने इसका विरोध किया तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ लेकिन अब रेलवे बोर्ड की बैठक में निर्णय लिए जाने से एक बार फिर इस सौगात के छिने जाने के हालात निर्मित हो गए है।

तबादले के जरिए शिफ्टिंग की साजिश

रेलवे बोर्ड ने अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि एसईसीआर को डोंगरगढ़ में सीमित स्टॉक रखना चाहिए। यहां केवल बैंकिंग उद्देश्य के लिए ही स्टाफ रखे जाएगें। गोंदिया और कलमना लाबी में स्टाफ को मजबूत करने से डोंगरगढ़ लाबी की ताकत धीरे धीरे कम होगी। यहीं कारण है कि पिछले एक साल से यहां से कई अधिकारियों और कर्मचारियों का थोक में नागपुर, कलमना और गोंदिया में तबादला किया जा रहा है।

अफसरों के इशारे पर खेल

नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष तरुण हथेल ने बताया कि, रेलवे के कुछ अफसरों द्वारा डोंगरगढ़ से रेलवे की लाबी को खत्म करने की लगातार साजिश की जा रही है। पिछले दिनों सांसद संतोष पांडे ने रेल्वे मंत्री से बातचीत कर इस लाबी को डोंगरगढ़ में स्थापित करने संबंधी चर्चा की थी। यदि रेलवे के अफसरों द्वारा यह मनमानी की गई तो कड़ा विरोध होगा।

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