रायपुर। प्रदेश के स्टील उद्योगों ने महंगी बिजली का हवाला देते हुए सोमवार की रात से प्रदेशभर के दो सौ से ज्यादा स्टील उद्योगों में तालाबंदी कर दी है। उद्योगपतियों का कहना है, महंगी बिजली से उद्योग चलाना संभव नहीं है। ऐसे में हम उद्योग बंद कर रहे हैं। इस मामले में जहां उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने यह कहा है कि, प्रदेश में दूसरे राज्यों से बिजली की कीमत कम है, वहीं यह भी कहा है कि उद्योगों से बात करके समस्या का हल निकाला जाएगा।
नियामक बिजली आयोग के पूर्व सचिव पीएन सिंह ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर स्टील उद्योगों पर भ्रम फैलाने की बात कहते हुए बताया है टैरिफ में बिजली 25 पैसे महंगी की गई है जो चार फीसदी है, जबकि स्टील उद्योग इसको 25 फीसदी बिजली महंगी होने की बात कर रहे हैं। बिजली नियामक आयोग ने जून से बिजली का नया टैरिफ जारी किया है। इसमें सभी वर्गों की बिजली महंगी की गई है। इसके बाद से स्टील उद्योगों ने महंगी बिजली की बात करते हुए मोर्चा खोल दिया है। मुख्यमंत्री से लेकर वित्त मंत्री, उद्योग मंत्री, पॉवर कंपनी के एमडी से स्टील उद्योग मिल चुका है और अपनी मांग सबके सामने रखी है। लेकिन अब तक कोई बात न बनने के कारण उद्योगों ने सोमवार को बैठक करने के बाद सोमवार की रात 12 बजे से उद्योगों में ताला लगाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री को पत्र - भ्रम फैला रहे महंगी बिजली का
बिजली नियामक आयोग के पूर्व सचिव और छत्तीसगढ़ रिटायर पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पीएन सिंह ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को स्टील उद्योगों पर महंगी बिजली का भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए बताया है कि 25 फीसदी बिजली महंगी होने की बात स्टील उद्योग कर रहे हैं, जबकि बिजली चार फीसदी महंगी हुई है। लोड फैक्टर में अब भी उद्योगों को 10 फीसदी की छूट है।इसी के साथ पहले ऑफ पीक आवर में 6 घंटे ही बिजली की दर 80 फीसदी लगती थी, उसमें भी दो घंटे का इजाफा किया गया है। जुलाई में जो जून का बिल आया है, उसमें मई का एफपीपीएएस 9.2 फीसदी लगा है। यह जून में कम हो जाएगा, संभव है कि एक फीसदी भी न लगे। अगर प्रदेश सरकार उद्योगों को 50 पैसे प्रति यूनिट की सब्सिडी देगी तो इससे सरकार को 600 करोड़ का भार पड़ेगा। एक रुपए की सब्सिडी पर 12 सौ करोड़ का भार पड़ेगा। राज्य में बिजली आर्पित की दर 6.92 रुपए इससे कम दर पर बिजली देने का एक्ट में ही प्रावधान नहीं है।
साव बोले- उद्योगों से बात करके समस्या का करेंगे समाधान
प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने स्टील उद्योगों के बंद करने के फैसले को लेकर कहा, अपने प्रदेश में बिजली की कीमत वैसे भी दूसरे राज्यों से कम है। इसके बाद भी उद्योगों से बात करके उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। हमारी सरकार उद्योगों को हर तरीके से सुविधा पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है।