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रविवि ने परीक्षा तो 2024 में आयोजित की, लेकिन छात्रों के परिणाम 2023 के टेबुलेशन रजिस्टर में दर्ज करने का फरमान सुना दिया।

रायपुर। शिक्षा के क्षेत्र में अजीबो-गरीब रिकॉर्ड बनाने में पं. रविशंकर शुक्ल विवि प्रदेश में सबसे आगे है। इस बार रविवि ने ऐसा कारनामा किया है कि, जिसे सुनकर आप खुद भी अपना सिर पकड़ लेंगे। रविवि ने परीक्षा तो 2024 में आयोजित की, लेकिन छात्रों के परिणाम 2023 के टेबुलेशन रजिस्टर में दर्ज करने का फरमान सुना दिया। इसके बार रविवि ने विद्यापरिषद की बैठक में खुद ही टिप्पणी करते हुए कहा कि दोबारा इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। 

मामला एमए इंग्लिश की प्राइवेट परीक्षाओं का है। एमए इंग्लिश के चार विद्यार्थियों के लिए रविवि ने यह अभूतपूर्व आदेश जारी किए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इनमें से दो विद्यार्थी दुर्गा महाविद्यालय के हैं तथा दो छात्र रविवि अध्ययनशाला के हैं। आश्चर्य की बात यह है कि रविवि ने पूरे मामले में ना तो किसी पर कार्रवाई और ना ही आदेश का आधार ढूंढना ही जरूरी समझा।

इसे ऐसे समझें

2022 तक एमए इंग्लिश की प्राइवेट परीक्षा दिलाने वाले छात्रों को चार विषयों की परीक्षाएं दिलानी होती थी। 2023 में इसमें बदलाव किया गया। विषयों की संख्या बढ़ाकर 4 की जगह 5 कर दी गई। जिन चार विद्यार्थियों के परिणाम अपवाद मानकर जारी करने का फैसला किया गया है, उन विद्यार्थियों ने सिर्फ 4 विषयों की ही परीक्षाएं एमए इंग्लिश प्रथम वर्ष में दिलाई। इन विद्यार्थियों का कहना था कि उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं था कि विषय संख्या 4 ना होकर 5 है। इसके बाद भी ये  छात्र उत्तीर्ण हो गए, क्योंकि विषयवार अलग-अलग उत्तीर्ण ना होकर सभी विषय मिलाकर 36% प्राप्त करने पर भी छात्रों का सफल घोषित किए जाने का नियम है। उक्त छात्रों ने 4 विषय मिलाकर ही 36% अंक हासिल कर लिए थे। इसलिए उन्हें एक विषय में अनुपस्थित होने के बाद भी पास घोषित कर दिया गया। इसके बाद विद्यार्थियों ने 2024 में एमए इंग्लिश अंतिम वर्ष की परीक्षा दिलाई। 

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इसके साथ ही विद्यार्थियों ने रविवि में अर्जी दी कि उन्हें 2023 के उस विषय में भी बैठने की अनुमति प्रदान की जाए, जिसमें वे अनुपस्थित थे। अकादमिक विभाग द्वारा उन्हें इसकी अनुमति प्रदान कर दी गई। छात्र इसमें बैठे और उत्तीर्ण भी हुए। इसके पश्चात बीते दिनों हुई विद्यापरिषद की बैठक में इस मामले को रखा गया। जिसमें यह कहा गया कि "एमए अंतिम अंग्रेजी पात्रतानुसार जिस प्रश्न-पत्र में वर्ष 2024 वार्षिक परीक्षा में 4 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं, उसके अंक सत्र 2023 वार्षिक परीक्षा के परीक्षा परिणाम में दर्शाकर छात्रहित में परिणाम घोषित किया जाए। इसे भविष्य में उदाहरण न माना जाये एवं टीआर अर्थात टेबुलेशलन रजिस्टर में चस्पा किया जाए। भविष्य में ऐसे प्रकरण की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। पुनरावृत्ति होने पर संबंधित का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।" अर्थात इन छात्रों ने परीक्षा 2024 में दिलाई लेकिन परिणाम 2023 के टीआर में दर्ज होंगे।

वर्तमान सत्र से बदल गए हैं नियम

अब तक प्राइवेट परीक्षाओं के लिए पृथक नियम लागू थे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद से इसमें बदलाव हुए हैं। वर्तमान शैक्षणिक सत्र से निजी विद्यार्थियों के लिए भी निर्धारित दिनों की कक्षाओं में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें विद्यार्थियों को संबंधित विषयों के साथ ही प्रश्नपत्र के पैटर्न और कई अन्य तरह की जानकारी दी जाएगी। निजी छात्रों को परीक्षा संबंधित नियमों की जानकारी नहीं होने की घटना प्रत्येक वर्ष किसी ना किसी रूप में सामने आते रहती है। नए नियमों से इसमें राहत की उम्मीद की जा रही है।

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