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एसी कोच में आरएसी यात्रियों को कंप्लीट बेडरोल देने के निर्देश का पालन नहीं हो रहा है। यात्रियों को घर से कंबल लेकर सफर करना पड़ रहा है।

रविवार को अमरकंटक, दुर्ग-अंबिकापुर में यात्रियों को मिली केवल दो चादर

रायपुर।  रेलवे बोर्ड ने बीते दिनों आरएसी यात्रियों को भी चादर, कंबल और तकिया देने का आदेश और निर्देश सभी जोन को दिया है, लेकिन इसके बाद भी एसी कोच में यात्रियों को सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। पहले की तरह दो चादरें ही दी जा रही हैं। घर से कंबल लेकर सफर करना पड़ रहा है। कंबल नहीं होने की स्थिति पर ठंड में ठिठुरते हुए सफर करना यात्रियों की मजबूरी है। रेलवे का दावा है कि, अंटेडर को आरएसी यात्रियों को कंप्लीट बेडरोल दिए जाने का निर्देश दिया जा चुका है, लेकिन हकीकत में अब भी रायपुर से गुजरने वाली ट्रेनों के एसी कोच के अंटेडर को रेलवे के नए नियमों को जानकारी नहीं है।

हरिभूमि ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला आरएसी यात्रियों को पहली की तरह ही केवल चादर ही दी जा रही है। अब भी कंबल और तकिया नहीं मिल रहा है। अंटेडर का कहना है कि उन्हें ठेकेदार से कोई निर्देश नहीं मिला है। यात्रियों का दावा है कि नए नियम के बारे में बताए जाने के बाद भी केवल चादर ही दी गई। इस तरह की समस्या अमरकंटक, दुर्ग-अंबिकापुर समेत दुर्ग-कानपुर की ट्रेनों को देखने को मिली है। कुछ यात्रियों ने इसकी शिकायत भी डीआरएम और रेलवे बोर्ड से भी की है। बता दें कि बिलासपुर रेलमंडल के कोचिंग डिपो में दो बड़ी लॉन्ड्री हैं। यहां से चादर, कंबल, पिलो कवर की प्रतिदिन सफाई होती है। इसके बाद ट्रेन में पहुंचाए जाते हैं। रेल यात्रियों की यह बेहद जरूरी सुविधा है, जिसकी मांग यात्री ट्रेन छूटने के बाद करने लगते हैं। हालांकि अटेंडरों से मांगने की नौबत न आए, इसलिए सीधे उपलब्ध कराने के निर्देश हैं।

ठंड में ठिठुर रहे, नींद भी नहीं आती

आरएसी यात्रियों को पूरी तरह से बेडरोल नहीं मिलने से रात और सुबह के समय ठंड में ठिठुरते हुए सफर करना पड़ रहा है। कई यात्रियों को अब भी नए नियमों को जानकारी नहीं है, इसलिए विरोध भी नहीं कर रहे हैं। टीटीई से शिकायत करने के बावजूद भी यात्रियों को पूरा बेडरोल नहीं दिया जा रहा है। थर्ड एसी में ज्यादा दिक्कत है।

केस - 1
अमरकंटक एक्सप्रेस

कटनी से रायपुर पहुंचे यात्री प्रशांत ने बताया कि अंटेडर ने केवल सीट पर बिछाने और ओढ़ने के लिए दो चादरें ही दी थीं। नए नियम के अनुसार तकिया और कंबल मिला ही नहीं। ट्रेन में अन्य आरएसी यात्रियों को भी यह सुविधा नहीं मिली।

केस - 2
दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस

दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे जमील खान ने बताया कि मांगे जाने के बाद भी कंप्लीट बेडरोल नहीं मिला। कंबल नहीं होने से ठंड में ठिठुरते हुए सफर करना पड़ा। ट्रेन में अटेंडर ने पहले आदेश की जानकारी नहीं होने की बात कही फिर बाद में कंबल गंदा होना बताया गया। ट्रेन में पहले की तरह यात्रियों को केवल चादर ही दी जा रही है।

आदेश का पालन नहीं

रेलवे बोर्ड के प्रधान कार्यकारी निदेशक शैलेंद्र सिंह ने यह सुविधा प्रारंभ करने के लिए 18 दिसंबर को जोनल रेलवे महाप्रबंधकों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि एसी श्रेणी में आरएसी यात्रियों को भी आरक्षित सीट वाले यात्रियों की तरह ही पूरी बेडरोल किट दी जाए। पत्र में बोर्ड से पूर्व में जारी आदेश का भी जिक्र है।
 

 

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