ललित राठोड़ - रायपुर। ट्रेनों में लगातार बढ़ती भीड़ को कम करने अब रेलवे ने सख्त कदम उठाया है। अब वेटिंग टिकट पर यात्री स्लीपर और एसी कोच में सफर नहीं कर पाएंगे। ऑनलाइन टिकट खरीदने पर अगर टिकट कन्फर्म नहीं हुआ, तो रेलवे से रिफंड मिल जाता है, लेकिन काउंटर टिकट में यात्री रिफंड नहीं लेकर ट्रेनों में चढ़ जाते हैं। टीटीई भी ट्रेन में खड़े होने की जगह दे देते थे कि टिकट का पैसा रेलवे के पास जमा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वेटिंग में कोई यात्री सफर करता हुआ पाया गया, तो सीधे जुर्माना वसूला जाएगा। जोन ने टीटीई को सख्त निर्देश दिए हैं कि अब ट्रेनों में वेटिंग यात्रियों की एंट्री नहीं होगी।
रेलवे का मानना है कि, ट्रेनों में वेटिंग टिकट के यात्री अनावश्यक भीड़ बढ़ा रहे हैं, जिससे अन्य यात्रियों को भी दिक्कत हो रही है। रेलवे के इस फैसले से अब स्लीपर और एसी में भीड़ कम होगी। हरिभूमि ने लगातार ट्रेनों में भीड़ को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। रेलवे ने यात्रियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।
अगले स्टेशन पर ही उतार देगा टीटीई
ट्रेन में वेटिंग टिकट पर सफर कर लेते हैं, तो जांच स्टाफ उनसे जुर्माना वसूल कर अगले स्टेशन पर ही उतार देगा। इन आदेशों के सख्ती से लागू होने से रेलवे की आमदनी पर भी इसका असर पड़ेगा। मई से जून तक ट्रेनों में यात्रियों की संख्या दिनोंदिन लगातार बढ़ती जा रही है। रायपुर से बिहार, मुंबई, उत्तरप्रदेश, जम्मू आदि राज्यों को जाने वाली सभी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट डबल रही है। जो यात्री स्टेशन से टिकट बुक करवाते हैं, उनका टिकट स्वतः रद्द होने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में यह वेटिंग लिस्ट वाले यात्री ट्रेन में सवार हो जाते हैं और कन्फर्म टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों की सीट पर अनाधिकृत तरीके से बैठ जाते हैं।
एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में घूमते हैं यात्री
वेटिंग यात्रियों के सफर की शिकायतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा था। कन्फर्म टिकट पर यात्रा करने वाले यात्री ट्विट या फिर अन्य माध्यमों से रेलवे में शिकायत करते हैं। चलती गाड़ी में ही कार्रवाई करनी होती है। वेटिंग लिस्ट वाले यात्री एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में घूमते हैं और जहां सीट मिलती है बैठ जाते हैं। इससे कन्फर्म टिकट यात्री की यात्रा में खलल पड़ता है।
टीटीई ही तोड़ते हैं रेलवे का नियम
एक तरफ रेलवे ने वेटिंग टिकट को स्लीपर और एसी कोच में नो एंट्री नियम बना रखा है, वहीं दूसरी ओर अमृतसर, दिल्ली, नागपुर, मुंबई, हावड़ा आदि स्टेशनों से जांच स्टाफ जनरल टिकट पर यात्रियों का टिकट बना देता है। इस टिकट के बनने से यात्री स्लीपर और एसी कोच में जाने के लिए अधिकृत हो जाता है, जिससे रेलवे के नियम भी टूटते हैं। यह यात्री जुर्माना देकर डिब्बे में एंट्री तो कर जाते हैं, लेकिन सीट नहीं मिलती। हालांकि रेलवे ने टीटीई से कहा है कि ट्रेन में अनावश्यक भीड़ को कम करना है। इसीलिए जिनके पास कन्फर्म टिकट है, वही सफर करेंगे।
अनावश्यक भीड़ कम करने बढ़ाई सख्ती
दपूमरे के सीपीआरओ विकास कश्यप ने बताया कि, अनावश्यक भीड़ कम करने बढ़ाई सख्ती ट्रेनों में अनावश्यक भीड़ को कम करने जोन में सख्ती बढ़ाई गई है। काउंटर से वेटिंग टिकट लेने वाले यात्रियों को स्लीपर और एसी कोच में सफर करने नहीं दिया जा रहा है। टीटीई ट्रेनों में जांच कर सख्ती से नियमों का पालन कर रहे हैं।